
मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी में करवाया श्रृंखलाबद्ध सप्ताहिक मां बगलामुखी हवन यज्ञ
जालंधर (अमरजीत सिंह लवला)
मां बगलामुखी धाम नजदीक गुलमोहर सिटी में धाम के संस्थापक एवं संचालक नवजीत भारद्वाज की अध्यक्षता में साप्ताहिक मां बगलामुखी हवन यज्ञ करवाया गया। सबसे पहले पं. अविनाश गौतम एवं पं. पिंटू शर्मा ने नवग्रह, पंचोपचार, षोढषोपचार, गौरी, गणेश, कुंभ पूजन, मां बगलामुखी जी के निमति माला जाप कर मुख्य यजमान सन्नी अरोड़ा से सपरिवार पूजा अर्चना उपरांत हवन यज्ञ में आहुतियां डलवाईं।
इस यज्ञ में उपस्थित मां भक्तो को आहुतियां डलवाने के बाद नवजीत भारद्वाज ने कहा कि अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देने चाहिए। बच्चे अबोध होते हैं, उनके मन में छलकपट नहीं होता। कभी बच्चों को नफरत नहीं सिखानी चाहिए। जब जेठानी-देवरानी की रसोई अलग-अलग हो जाती है, तब मां बच्चे को कहती है बेटा मैं तुझे चॉकलेट दूंगी जा देखकर आ चाची क्या कर रही है, दादी क्या कर रही है। बच्चे को लगता है मुझे चॉकलेट मिलेगी और मां को आंनद आता है। इसलिए बच्चा कहता है कि मां चाची लड्डू खा रही है और अपनी मां से बात कर रही है। बच्चा दो की चार लगाता है और फिर देवरानी-जेठानी में लड़ाई झगड़े शुरू हो जाते है।
दूसरों को देखने और झांकने की अपेक्षा इंसान को अपने अंदर झांकना चाहिए कि हम क्या कर रहे हैं। परंतु बच्चों को गलत बातें व घिनौनी बातें न सिखाएं, उन्हें संस्कारी बनाए व नैतिक संस्कार दें ताकि बच्चे पतन के गर्त में ना गिरें। नवजीत भारद्वाज ने फरमाया कि आज के इस भागदौड़ के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण चीज चरित्र निर्माण है। अगर एक अच्छा इंसान बनाना है तो चरित्र का निर्माण बहुत जरूरी है। जिसका चरित्र निर्माण हो जाता है वह एक अच्छे इंसान ही नहीं बल्कि समाज, राज्य और देश के लिए कुछ भी करने के लिए सक्षम होता है। शरीर नश्वर है और आत्मा अमर है।
हवन यज्ञ के दौरान सोशल डिस्टेंस एवं सैनेटाइज़ेशन का खा़स ध्यान रखा गया। इस अवसर पर गोपाल मालपानी, गितेश, अमरेंद्र शर्मा, एडवोकेट राज कुमार, मोहित बहल, अशोक शर्मा, गितेश, रोहित बहल, बावा जोशी, गुलशन शर्मा, संजीव शर्मा, विक्र म भसीन, विक्रांत शर्मा, गोपाल मालपानी, अशोक शर्मा, पंकज उपाध्याय, राजेश महाजन, अश्विनी शर्मा, मानव शर्मा, बावा खन्ना, राजीव, राकेश, ठाकुर बलदेव सिंह, लक्की, सुनील जग्गी, प्रिंस, राजन पठानीया, पंकज, पप्पू, दीपक, बावा पनीर, प्रवीण सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।



