
इंसान को कर्मों का फल भोगना ही पड़ता है
जालंधर (अमरजीत सिंह लवला)
मां बगलामुखी धाम नजदीक लम्मां पिंड चौंक होशियारपुर रोड़ पर स्थित गुलमोहर सिटी में धाम के संस्थापक एवं संचालक नवजीत भारद्वाज की अध्यक्षता में साप्ताहिक मां बगलामुखी हवन यज्ञ करवाया गया। सबसे पहले पं. अविनाश गौतम एवं पं. पिंटू शर्मा ने नवग्रह, पंचोपचार, षोढषोपचार, गौरी, गणेश, कुंभ पूजन, मां बगलामुखी जी के निमित माला जाप कर मुख्य यजमान रविन्द्र शर्मा से सपरिवार पूजा अर्चना उपरांत हवन यज्ञ में आहुतियां डलवाईं।
इस यज्ञ में उपस्थित मां भक्तो को आहुतियां डलवाने के बाद नवजीत भारद्वाज ने कहा कि परेशानी और दुख माना कि तकलीफ देते हैं लेकिन ये इंसान को चेतावनी भी देते हैं कि इस संसार में कोई भी यहां स्थाई नहीं है। समय में बदलाव सृष्टि का नियम है लेकिन अगर कुछ अविनाशी और स्थाई है तो वो है परमात्मा का नाम। नवजीत भारद्वाज ने फरमाया कि आज दुख है तो कल सुख भी आएगा। जिसने सुख और दुख को जान लिया वह इस बात को समझ लेता है कि समभाव में जीना क्या है। कर्म का भोग इंसान को भोगना ही पड़ता है। संतों ने यही चेतावनी इंसान को बार-बार दी है कि तेरे जीवन की नैया भवसागर में घिरी हुई है अगर इसको पार करना चाहता है तो प्रभु के नाम की पतवार बना लो। उन्होने कहा कि दुनिया तो दुख और सुख को समझती ही नहीं है। संतो की शरण में हम जाते है इसी सुख-दुख और जीवन मरण से उपरामता पाने के लिए लेकिन उनके चरणों में जाकर भी हम संसार की वस्तुओं में ही उलङो रहते हैं। उन्होंने कहा कि बड़े बड़े यौद्धा बड़े बड़े धनवान भी जब स्थाई नहीं रहे तो हमारी क्या बिसात। नाम को सदैव अपने दिल में रखो। उन्होंने इस अवसर पर ” बडे योद्धाबली गुज़रे बड़े अवतार होए ने कर्म दी लिखी रेखा नू किसे ने ना मिटाया है” भजन गाकर सगंत को मां बगलामुखी जी के साथ जोडा।
हवन यज्ञ के दौरान सोशल डिस्टेंस एवं सैनेटाइज़ेशन का खा़स ध्यान रखा गया। इस अवसर पर अमरेंद्र शर्मा, एडवोकेट राज कुमार, मोहित बहल, अशोक शर्मा, गितेश, रोहित बहल, बावा जोशी, गुलशन शर्मा, संजीव शर्मा, विक्रम भसीन, विक्रांत शर्मा, गोपाल मालपानी, अशोक शर्मा, पंकज उपाध्याय, राजेश महाजन, अश्विनी शर्मा, मानव शर्मा, बावा खन्ना, राजीव, राकेश, ठाकुर बलदेव सिंह, लक्की, सुनील जग्गी, प्रिंस, राजन पठानीया, पंकज, पप्पू, दीपक, बावा पनीर, प्रवीण सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।



