Saturday, May 17, 2025
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश भर के लोक सेवकों को करेंगे संबोधित; सातवीं बार करेंगे ऐसा

राष्ट्रीय लोक सेवा दिवस के अवसर पर केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों को उनके द्वारा वर्षभर में किए गए असाधारण कार्यों के लिए सम्मानित किया जाता है। इस दिन अधिकारी मिलकर आने वाले सालों की योजना पर भी विचार करते हैं एवं उनपर विभिन्न मतों को प्रकट करते हैं। कई संस्थानों में सिविल सर्वेंटों को बतौर अतिथि आमंत्रित किया जाता है जहां पर वे अपने कार्य से जुड़े अनुभवों को बांटते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को लोक सेवा दिवस के अवसर पर लोक सेवकों को संबोधित करेंगे। कार्मिक मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, पीएम मोदी इस मौके पर जिलों और केंद्र/राज्य सरकारों में चिह्नित प्राथमिकता कार्यक्रमों और नवाचार के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार भी प्रदान करेंगे।

प्रधानमंत्री समग्र विकास और नवाचारों पर ई-पुस्तकें जारी करेंगे, जिनमें प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों और नवाचारों के कार्यान्वयन की सफलता की कहानियां शामिल होंगी। पुरस्कार विजेता पहल पर आधारित एक फिल्म भी दिखाई जाएगी। बयान के मुताबिक, यह सातवां अवसर होगा जब मोदी राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस समारोह को संबोधित करेंगे।

राष्ट्रीय नागरिक सेवा दिवस का इतिहास
21 अप्रैल को सरदार वल्लभ भाई पटेल ने अखिल भारतीय सेवाओं का उद्घाटन किया था। दिल्ली के मेटकाफ हाउस में उन्होंने सिविल सेवकों को अतीत के अनुभव पीछे छोड़ राष्ट्रीय सेवा को अच्छे से करने की भावना पर भाषण दिया। इस दिन उन्होंने सिविल सर्वेंटों को देश की स्टील फ्रेम कहकर संबोधित किया था। 2006 में इसी दिन एक विशाल समारोह सिविल सर्वेंटों के लिए आयोजित किया गया था। इसके बाद से प्रतिवर्ष 21 अप्रैल को राष्ट्रीय लोक सेवा दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

इस तरह मनाया जाता है राष्ट्रीक लोक सेवा दिवस 
राष्ट्रीय लोक सेवा दिवस के अवसर पर केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों को उनके द्वारा वर्षभर में किए गए असाधारण कार्यों के लिए सम्मानित किया जाता है। इस दिन अधिकारी मिलकर आने वाले सालों की योजना पर भी विचार करते हैं एवं उनपर विभिन्न मतों को प्रकट करते हैं। कई संस्थानों में सिविल सर्वेंटों को बतौर अतिथि आमंत्रित किया जाता है जहां पर वे अपने कार्य से जुड़े अनुभवों को बांटते हैं।

ब्रिटिशकाल में आया शब्द ‘सिविल सर्वेंट’
सिविल सर्वेंट शब्द ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के दौरान प्रचलन में आया था। यहां के नागरिक कर्मचारी प्रशासनिक नौकरियों में शामिल थे। ब्रिटिशर्स इन्हें सिविल सर्वेंट अर्थात लोक सेवक कहकर पुकारते थे। इन सेवाओं को शुरुआत वॉरेन हेस्टिंग्स द्वारा की गई। उसके पश्चात चार्ल्स कॉर्नवॉलिस ने इनमें सुधार किये इसलिए वे ‘भारत में नागरिक सेवाओं के पिता’ कहलाए।

यह सेवाएं हैं शामिल 
भारतीय प्रशासनिक सेवा, आईएएस, भारतीय पुलिस सर्विस, आईपीएस, भारतीय विदेश सेवा, आईएफएस और अखिल भारतीय सेवाओं और केंद्रीय सेवा समूह अ और ब के लिए भारत में कई सारे विद्यार्थी परीक्षा देते हैं। यह सभी परीक्षाएं भारतीय लोक सेवा आयोग के तहत आती हैं।

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