भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के 100वें मिशन के सफलतापूर्वक पूरे होने पर इसरो प्रमुख ने खुशी जाहिर की है। इसरो अध्यक्ष के तौर पर अपने पहले मिशन को लेकर वी नारायणन ने कहा कि बेहद खुशी की बात है 2025 में इसरो का पहला प्रयास सफल रहा है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी इसरो के 100वें मिशन की सफलता पर खुशी जाहिर की।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के 100वें मिशन के सफलतापूर्वक पूरे होने पर इसरो प्रमुख ने खुशी जाहिर की है। इसरो अध्यक्ष के तौर पर अपने पहले मिशन को लेकर वी नारायणन ने कहा कि बेहद खुशी की बात है 2025 में इसरो का पहला प्रयास सफल रहा है। एनवीएस 02 उपग्रह को सफलता पूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया गया है। मिशन का 100वां प्रक्षेपण एक अहम मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि मिशन में डाटा आ गया है। सभी प्रणालियां सामान्य रूप से काम कर रहीं हैं।
नारायणन ने महान वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के नेतृत्व में चलाए गए अंतरिक्ष मिशन को याद किया। उन्होंने कहा कि इसरो ने अब तक प्रक्षेपण वाहनों की छह पीढ़ियां विकसित की हैं। इसमें से पहली पीढ़ी सतीश धवन के नेतृत्व में विकसित की गई थी। वहीं पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय जे अब्दुल कलाम इसके परियोजना निदेशक थे। नारायणन ने कहा कि तब से लेकर अब तक इन 100 प्रक्षेपणों में इसरो ने 548 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया है, जिनमें विदेशी उपग्रह भी शामिल हैं। अंतरिक्ष विभाग के सचिव ने कहा कि इस दौरान कई महत्वपूर्ण प्रक्षेपण किए गए हैं, जिनमें तीन चंद्रयान मिशन, मंगल और सूर्य के लिए मिशन आदि शामिल हैं।
वहीं केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी इसरो के 100वें मिशन की सफलता पर खुशी जाहिर की। उन्होंने एक्स पर लिखा कि श्रीहरिकोटा से 100वें प्रक्षेपण की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने के लिए इसरो को बधाई। इस रिकॉर्ड उपलब्धि के ऐतिहासिक क्षण में अंतरिक्ष विभाग से जुड़ना सौभाग्य की बात है। टीम इसरो ने एक बार फिर GSLV-F15 / NVS-02 मिशन के सफल प्रक्षेपण से भारत को गौरवान्वित किया है। विक्रम साराभाई, सतीश धवन और कुछ अन्य लोगों द्वारा की गई एक छोटी सी शुरुआत से अब तक यह एक अद्भुत यात्रा रही है। पीएम मोदी द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र को अनलॉक करने और यह विश्वास जगाने के बाद कि आकाश की कोई सीमा नहीं है। यह एक बड़ी छलांग है।
इसरो ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से जीएसएलवी रॉकेट के जरिए नेविगेशन उपग्रह एनवीएस-2 का प्रक्षेपण किया। लगभग 20 मिनट में उपग्रह कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया। स्वदेशी क्रायोजेनिक चरण के साथ भू-समकालिक उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) अपनी 17वीं उड़ान में नेविगेशन उपग्रह एनवीएस-2 को लेकर जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, यह प्रक्षेपण बुधवार सुबह छह बजकर 23 मिनट पर किया गया। नेविगेशन उपग्रह एनवीएस-2 नेविगेशन विद इंडियन कांस्टेलेशन यानी नाविक शृंखला का दूसरा उपग्रह है। इसका उद्देश्य भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ भारतीय भूभाग से लगभग 1,500 किलोमीटर आगे के क्षेत्रों में उपयोगकर्ताओं को सटीक स्थिति, गति और समय की जानकारी प्रदान करना है।