बॉलीवुड के ‘ही-मैन’ और पंजाब के पुत्र धर्मेंद्र के निधन से जहां पूरी फिल्म इंडस्ट्री और उनके प्रशंसक शोक में डूबे हैं, वहीं उनके गृह राज्य पंजाब में उन्हें एक अनोखे अंदाज में श्रद्धांजलि देने की तैयारी चल रही है। मोगा जिले के गांव मानुके के रहने वाले मशहूर मूर्तिकार इकबाल सिंह गिल ने अपने चहेते सितारे की यादों को हमेशा के लिए सहेजने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने धर्मेंद्र की एक भव्य प्रतिमा तैयार करने का काम शुरू कर दिया है, जो जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगी। इकबाल सिंह गिल इस कार्य को अभिनेता के प्रति अपने सम्मान के रूप में देख रहे हैं।
मूर्तिकार इकबाल सिंह गिल ने बताया कि वे अपनी कला के जरिये इस दिग्गज अभिनेता को नमन कर रहे हैं और धर्मेंद्र का यह स्टैच्यू लगभग एक सप्ताह के भीतर तैयार कर लिया जाएगा। खास बात यह है कि इस प्रतिमा को बनाने में आने वाला करीब एक लाख रुपये का पूरा खर्च इकबाल सिंह खुद वहन करेंगे। स्टैच्यू की लंबाई और चौड़ाई पूरी तरह से धर्मेंद्र की कद-काठी के हिसाब से ही रखी जा रही है ताकि दर्शकों को अभिनेता की जीवंत छवि का अहसास हो सके। तैयार होने के बाद इस स्टैच्यू को इकबाल अपनी आर्ट गैलरी में स्थापित करेंगे, जो कला प्रेमियों और धर्मेंद्र के फैंस के लिए आकर्षण का केंद्र होगी।
इकबाल सिंह का कहना है कि धर्मेंद्र पंजाब की मिट्टी से जुड़े हुए इंसान थे और भले ही आज वे इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन हर पंजाबी के दिल में हमेशा रहेंगे। इकबाल को बचपन से ही मूर्तियां बनाने का शौक था और महज 20 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपनी पहली मूर्ति गौतम बुद्ध की बनाई थी। खेती-बाड़ी के साथ-साथ उन्होंने मूर्तिकला को अपना जुनून और पेशा दोनों बनाया है। उनका मानना है कि जो लोग देश का मान बढ़ाते हैं, उन्हें अपनी कला के माध्यम से श्रद्धांजलि देना उनका कर्तव्य है। बॉलीवुड लेजेंड धर्मेंद्र का यह स्टैच्यू उनकी कला को एक नई पहचान देगा।
इकबाल सिंह गिल के हुनर की चर्चा दूर-दूर तक है और उनके हाथों से बनीं सैकड़ों मूर्तियां आज देश-विदेश की कई संस्थाओं और स्थानों पर स्थापित हैं। धर्मेंद्र से पहले वे पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, महान एथलीट मिल्खा सिंह, दिवंगत गायक सिद्धू मूसेवाला, कबड्डी खिलाड़ी संदीप नंगल अंबियां, बाबा लाडी शाह और कई शहीद फौजियों की प्रतिमाएं बना चुके हैं। गौरतलब है कि 24 नवंबर को धर्मेंद्र का निधन हो गया था, जिसके बाद मुंबई के विले पार्ले स्थित पवन हंस श्मशान भूमि में उनका अंतिम संस्कार किया गया। पंजाब में जन्मे धर्मेंद्र के पिता केवल कृष्ण देओल शिक्षक थे। अभिनेता का पंजाब से गहरा लगाव था और आखिरी बार वे 14 दिसंबर 2015 को लुधियाना आए थे।


