तीर्थयात्रियों के लिए कुछ और सुविधाएं
रेलवे ने यात्रियों को रास्ता ढूंढने में मदद करने के लिए कुछ नई व्यवस्था की है। स्टेशन पर अलग-अलग हिस्सों को अलग-अलग रंगों से चिह्नित किया गया है ताकि यात्री आसानी से जान सके कि उन्हें किस तरफ जाना है। टिकटों पर भी रंगों का उपयोग किया गया है, ताकि यात्रियों को यह समझने में मदद मिले कि उनकी ट्रेन कहां से चलेगी या किस प्लेटफॉर्म पर जाएगी।
ठहरने की आरामदायक सुविधा
कुंभ में रोजाना लगभग एक करोड़ तीर्थयात्रियों के आने की संभावना को देखते हुए व्यापक पैमाने पर उनके लिए ठहरने और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराना आसान नहीं है। लेकिन भारतीय रेल ने इस चुनौती को स्वीकार किया। 17 नए यात्री आश्रय गृहों का निर्माण किया गया। इसके अतिरिक्त स्टेशन की क्षमता 1,25,000 से अधिक यात्रियों के संभालने की है। पहले यह क्षमता मात्र 21,000 यात्रियों के लिए थी। इसके अतिरिक्त, नए प्लेटफार्म के निर्माण किए गए और अब बढ़कर इसकी संख्या 48 हो गई है।
तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर गंतव्य सुनिश्चित हुई है। शौचालय, पेयजल सुविधा, शिशु-पोषण जोन और चिकित्सा जांच कक्ष जैसी उन्नत सुविधाएं भी यात्रियों की आवश्यकताएं पूरी कर रही हैं। राज्य सरकार ने खुसरो बाग को एक आवासीय क्षेत्र के रूप में विकसित किया है, जिसमें एक लाख से अधिक तीर्थयात्रियों के ठहरने की सुविधा है। रेलवे द्वारा उपलब्ध कराए गए स्थान पर इस्कॉन की तरफ से आयोजित निःशुल्क भंडारा भी हो रहा है।
आरामदायक एवं सुलभ सुविधाएं
प्रयागराज जंक्शन और छिवकी जैसे प्रमुख स्टेशनों को विशेष रूप से सुगम और आरामदायक आवागमन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सुसज्जित किया गया है। सरकार के सुगम्य भारत मिशन के अनुरूप, भारतीय रेल ने लिफ्ट और एस्केलेटर सहित दिव्यांगजनों के अनुकूल सुविधाओं की संख्या बढ़ाई है।
महाकुंभ की यात्रा के लिए अद्वितीय साधन
रेलवे तीर्थयात्रियों की यात्रा को सुविधाजनक बनाने के साथ ही, महाकुंभ के अनुभव को अद्वितीय बनाने में अभिन्न भूमिका निभा रहा है। भारतीय रेल महाकुंभ के दौरान सुविधाओं के उन्नयन से धार्मिक आयोजनों में आतिथ्य के नए मानक स्थापित कर रही है। – रविंद्र गोयल, पूर्व सदस्य, परिचालन और व्यवसाय विकास, रेलवे बोर्ड