मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशों अनुसार राज्य में संगठित आपराधिक नैटवर्क को ख़त्म करने के लिए शुरु की मुहिम के दौरान पंजाब पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीऐफ) ने केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर विदेश आधारित गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के तीन साथियों को गोरखपुर से गिरफ़्तार करके चंडीगढ़ गोली कांड के सनसनीखेज़ केस की गुत्थी सुलझा दी है। यह जानकारी आज यहाँ डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने दी।
गिरफ़्तार किये गए व्यक्तियों की पहचान अमृतपाल सिंह उर्फ गुज्जर निवासी कलोली, बनूड़, कमलप्रीत सिंह निवासी देवीनगर अबरावां, बनूड़ और प्रेम सिंह निवासी अमराला, डेराबसी के तौर पर हुई है। गिरफ़्तार किये गए सभी मुलजिमों की आपराधिक पृष्टभूमि है और उनके विरुद्ध पंजाब में इरादातन कत्ल, जबरन वसूली, डकैती और हथियार एक्ट के अंतर्गत कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
जानकारी के मुताबिक 19 जनवरी, 2024 को चंडीगढ़ के सैक्टर 5 स्थित एक व्यापारी के घर अज्ञात बदमाशों ने गोलियाँ चला दीं थीं।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि एडीजीपी प्रमोद बाण के नेतृत्व वाली एजीटीऐफ पंजाब की जानकारी पर कार्यवाही करते हुये एआईजी सन्दीप गोयल की निगरानी अधीन और डीएसपी बिकरमजीत सिंह बराड़ के नेतृत्व वाली पुलिस टीमों ने चंडीगढ़ पुलिस के साथ मिलकर पता लगाया कि उक्त मुलजिम बिहार से उत्तर प्रदेश जा रहे हैं और पुलिस टीमों ने गोरखपुर पुलिस की मदद से गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर उनको काबू कर लिया।
उन्होंने बताया कि प्राथमिक तफ्तीश के अनुसार मुलजिम अमृतपाल सिंह और कमलप्रीत सिंह ने सैक्टर-5 चंडीगढ़ स्थित रिहायशी इलाके में स्थित व्यापारी के घर गोलियाँ चलाईं, जबकि तीसरे मुलजिम प्रेम सिंह ने उनको अपनी वर्ना कार में वारदात वाले स्थान से भगा कर अपने घर ले गया।
डीजीपी ने बताया कि इसके उपरांत गोल्डी बराड़ के निर्देशों पर तीनों ही दोषी 27 जनवरी को बिहार भाग गए और गोल्डी बराड़ की तरफ से बिहार के गाँव छितौली में बताए गई ठिकानों में जाने होने से पहले दो दिन गुरुद्वारा पटना साहिब में रहे। उन्होंने आगे बताया कि 4 फरवरी की सुबह को, उन्होंने किसी नयी जगह पर जाने के लिए ठिकाने को छोड़ दिया।
एआईजी सन्दीप गोयल ने कहा कि इस मामले की आगे जांच जारी है और आने वाले दिनों में हथियार और गोला-बारूद बरामद होने की उम्मीद है।