Wednesday, January 15, 2025
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Sikh for Justice पर जारी रहेगा बैन, सरकार के फैसले पर UAPA ट्रिब्यूनल की मुहर

UAPA ट्रिब्यूनल ने को केंद्रीय सरकार के उस फैसले को सही ठहराया, जिसमें सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) पर आतंकवादी गतिविधियों के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था. केंद्र सरकार ने जुलाई 2024 में SFJ को एक गैरकानूनी संगठन घोषित किया था और उस पर अतिरिक्त पांच साल का प्रतिबंध लगाया था.

संविधानिक गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत कोई भी प्रतिबंध तब तक लागू नहीं हो सकता जब तक उसे UAPA न्यायाधिकरण द्वारा अधिनियम की धारा 4 के तहत आदेश पारित कर पुष्टि नहीं की जाती.

UAPA न्यायाधिकरण, जिसकी अध्यक्षता दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अनुप कुमार मेंदीरत्ता कर रहे थे. सबूतों ने SFJ के बाबर खालसा इंटरनेशनल और खालिस्तानी टाइगर फोर्स जैसे खालिस्तानी आतंकवादी समूहों से संबंधों की बात सामने लाई है.

इसके अलावा SFJ ने पाकिस्तान की अंतर-सेवाएं खुफिया एजेंसी (ISI) के साथ मिलकर पंजाब में उग्रवाद को फिर से बढ़ावा देने के प्रयासों का भी समर्थन किया है.

युवाओं को भड़का रहा था ये संगठन

SFJ के खिलाफ मिले सबूतों से सामने आया है कि ये सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को भड़काने का काम करते थे. इसके अलावा वो संगठन में युवाओं की भर्ती और उन्हें कट्टरपंथी बनाने पर जोर दिया करते थे. एसएफजे हथियारों और विस्फोटकों को खरीदा भी करते थे.

हथियारों की खरीदने के लिए वो तस्करी नेटवर्क का इस्तेमाल करते थे, साथ ही आतंकवादियों को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक मदद भी मुहैया कराया करते थे. एसएफजे संगठन बड़ी राजनीतिक हस्तियों को जान से मारने की धमकी भी दिया करते थे.

एसएफजे संगठन के बब्बर खालसा इंटरनेशनल सहित अंतर्राष्ट्रीय खालिस्तानी आतंकवादी और अलगाववादी समूहों के साथ संबंध होने के सबूत मिले हैं. सबूतों के जरिए सामने आया है कि ये पंजाब में उग्रवाद को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रहे थे. इसलिए UAPA न्यायाधिकरण ने इसपर फिलहाल, 5 साल के प्रतिबंध को जारी रखा है.

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