अभी तक जिन बसों में आग लगने की बात सामने आती रहीं है, वह सीएनजी की होती थी। ई-बसों के संचालन की निगरानी का जिम्मा संभालने वाली दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टीमॉडल ट्रांजिट सिस्टम (डीआईएमटीएस) ने 300 ई-बसों का ऑडिट करने का आदेश दिया है।
दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के बेड़े में गत वर्ष शामिल हुई इलेक्ट्रिक बस में आग लगने की घटना के बाद यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। अभी तक जिन बसों में आग लगने की बात सामने आती रहीं है, वह सीएनजी की होती थी। ई-बसों के संचालन की निगरानी का जिम्मा संभालने वाली दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टीमॉडल ट्रांजिट सिस्टम (डीआईएमटीएस) ने 300 ई-बसों का ऑडिट करने का आदेश दिया है। बसों की आपूर्ति और संचालन कर रहे ऑपरेटर को ऑडिट कराने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।
अधिकारियों ने बताया कि कंपनी ने बसों की आपूर्ति के समय रिपोर्ट दी थी जिसमें बताया गया था बसों में सभी मानक पूरे हैं। ऐसे में नई ऑडिट रिपोर्ट मिलने के बाद इसकी तुलना पुरानी रिपोर्ट से की जाएगी। इसके आधार पर बसों के संचालन को सुचारू रखने या बदलाव किए जाने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।
19 मई को जिस ई-बस में आग लगी थी, उसकी प्राथमिक जांच में पता चला है कि बैटरियों में कोई दिक्कत नहीं थी, बस की मोटर के पास से पहले धुआं उठा था और इसके बाद आग लगी। माना जा रहा है कि मोटर के पास लगी तारों के गर्म हो जाने से पहले इंसुलेटर जले और बस के अंदर आग पहुंच गई।