यह कदम एक मील का पत्थर: मनसुख मंडाविया
इसमें पेंशन धारकों को 1570 करोड़ रुपये की पेंशन राशि हस्तांतरित की गई है। ईपीएफओ पेंशन की नई प्रणाली के कामयाब होने की घोषणा करते हुए केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली का पूर्ण कार्यान्वयन एक मील का पत्थर है।
‘पेंशन भुगतान की नई प्रणाली से हम तय कर रहे नया मानदंड’
मंडाविया ने कहा कि ईपीएफओ सेवाओं को आधुनिक बनाने और पेंशनभोगियों के लिए सुविधा, पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करने की हमारी प्रतिबद्धता का सीपीपीएस प्रमाण है। पेंशन भुगतान की दिशा में इसके जरिए हम नया मानदंड स्थापित कर रहे हैं।
मालूम हो कि सीपीपीएस का पहला पायलट अक्टूबर 2024 में करनाल, जम्मू और श्रीनगर क्षेत्रीय कार्यालयों में सफलतापूर्वक पूरा किया गया। इसमें 49,000 से अधिक पेंशनभोगियों को लगभग 11 करोड़ रुपए पेंशन का भुगतान किया गया।
किसी भी बैंक से पेंशन ले सकेंगे पेशनभोगी
दूसरा पायलट नवंबर 2024 में 24 क्षेत्रीय कार्यालयों में शुरू हुआ जिसमें 9.3 लाख से अधिक पेंशनभोगियों को 213 करोड़ रुपए पेंशन वितरित हुए। सीपीपीएस के तहत ईपीएफओ का प्रत्येक क्षेत्रीय कार्यालय केवल 3-4 बैंकों के साथ अलग-अलग समझौते करता है। इसमें पेंशनभोगी किसी भी बैंक से पेंशन ले सकेगा बल्कि पेंशन शुरू होने के समय किसी भी सत्यापन के लिए उसे बैंक जाने की आवश्यकता नहीं होगी और पेंशन जारी होते ही तुरंत जमा हो जाएगी।
जनवरी 2025 से सीपीपीएस पूरे देश में पेंशन का वितरण सुनिश्चित करेगी जिसमें पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) को एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में स्थानांतरित करने की आवश्यकता नहीं होगी। भले ही पेंशनभोगी एक स्थान से दूसरे स्थान पर चले जाएं या अपना बैंक या शाखा बदल लें। रिटायरमेंट के बाद अपने गृहनगर चले जाने वाले पेंशनभोगियों को इससे बड़ी सहूलियत होगी।