मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट आज यानी मंगलवार (23 जुलाई) को पेश कर दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार का यह 11वां बजट है। बजट को लेकर दिल्ली सरकार में वित्त मंत्री आतिशी ने बड़ा बयान दिया है।मंत्री आतिशी ने कहा, दिल्ली करीब 2.5 लाख करोड़ का कर केंद्र को देती है। दिल्ली को इस साल 10,000 करोड़ केंद्रीय कर और 10,000 करोड़ एमसीडी के लिए मिलना चाहिए। दिल्ली 2.07 करोड़ केंद्रीय कर और 25,000 करोड़ जीएसटी भरता है। केवल दिल्ली के अलावा हर राज्य को कर (टैक्स) का शेयर वापस मिलता है। आतिशी ने कहा, हमें उम्मीद थी, इस साल दिल्ली के लोगों को उनका शेयर मिलेगा।’
बजट में दिल्लीवालों को मिला धोखा
आतिशी ने कहा कि केंद्रीय बजट में एक बार फिर दिल्लीवालों को धोखा मिला है। इस 2024-25 के बजट में 1 लाख 24 हजार करोड़ रुपये देश के विभिन्न राज्यों को दिए गए हैं, लेकिन दिल्ली वालों को इसमें से एक रुपये भी नहीं मिला है। वहीं, देश की विभिन्न स्थानीय निकायों को 82207 करोड़ रुपये दिए गए हैं, लेकिन दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को एक रुपये इस बजट में नहीं मिला है। दिल्ली ने केंद्र सरकार को पिछले साल 2 लाख 7 हजार करोड़ रुपये आयकर और 25 हजार करोड़ रुपये सीजीएसटी के रूप में दिये। यानी कुल मिलाकर 2 लाख 32 हजार करोड़ का कर दिल्ली के लोगों ने केंद्र सरकार को दिया, लेकिन इसके बावजूद दिल्ली को इस बजट में कुछ नहीं दिया गया है।
केंद्र सरकार ने दिल्लीवालों की मांग पूरी नहीं कीं
आतिशी ने कहा, ‘मोदी सरकार के बजट में दिल्ली की जनता को मिले शून्य रुपये मिले हैं। दिल्ली के लोगों की केंद्र सरकार से मांग थी कि उनके द्वारा कर के रूप में दिए जाने वाले पैसे का 5% हिस्सा उन्हें मिलना चाहिए, लेकिन केंद्र सरकार ने दिल्लीवालों की मांग पूरी नहीं की है। केंद्र सरकार स्थानीय निकाय को आर्थिक सहायता देती है, उसी तरह दिल्ली के लोग भी अपने कर का 5% हिस्सा एमसीडी को देने की मांग कर रहे थे, लेकिन केंद्र सरकार ने एक रुपया भी नहीं दिया है।’
पिछले 11 वर्षों में भाजपा की केंद्र सरकार ने दिल्ली के लिए कुछ नहीं किया
आतिशी ने कहा, ‘दिल्ली के लोग हर वर्ष दिल्ली सरकार को 40 हजार करोड़ का कर देते हैं। इस 40 हजार करोड़ के कर से केजरीवाल सरकार दिल्लीवालों को बेहतरीन सरकारी स्कूल, मोहल्ला क्लीनिक, 24 घंटे मुफ्त बिजली और महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा समेत कई सुविधाएं देती है।’ वहीं, दिल्ली के ही लोग भाजपा शासित केंद्र सरकार को हर साल 2 लाख 32 हजार करोड़ रुपये कर के रूप में देते हैं, लेकिन केंद्र सरकार दिल्ली के लोगों को कुछ नहीं देती है। केंद्र की भाजपा सरकार ने पिछले 11 वर्षों में दिल्ली के लिए एक भी काम नहीं किया है।’