केदारनाथ के रास्ते में फंसे 6,980 से अधिक तीर्थयात्रियों को अब तक सुरक्षित निकाला जा चुका है, जबकि अभी 1,500 से अधिका श्रद्धालु और स्थानीय लोग रास्ते में जहां-तहां फंसे हुए हैं।
वायुसेना के हेलिकॉप्टर के साथ ही पैदल मार्ग से भी तेजी से बचाव कार्य चल रहा है। अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को 599 लोगों को हवाई मार्ग से और 2,380 को पैदल मार्ग से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
- सोनप्रयाग के जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने बताया कि पैदल मार्ग से निकाले गए यात्रियों को छोटे-बड़े वाहनों से ऋषिकेश भेजा जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने गौरीकुंड, सोनप्रयाग और शेरसी में 286 बीमार यात्रियों का इलाज भी किया।
भीमबली में 20-25 मीटर मार्ग बहा
बुधवार रात करीब साढ़े नौ बजे लिनचोली के समीप जंगलचट्टी में बादल फटने से गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल रास्ते पर भारी बारिश के बाद भीमबली में 20-25 मीटर का मार्ग बह गया तथा पहाड़ों से बड़े-बड़े पत्थर आ गए। इसके बाद रामबाड़ा, भीमबली लिनचोली का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया था। बादल फटने से केदारनाथ यात्रा रूट पर 30 मीटर की सड़क मंदाकिनी नदी में समा गई है। इसके चलते बड़ी संख्या में तीर्थयात्री गौरीकुंड-केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भीमबली से आगे फंस गए थे।
पड़ावों पर फंसे लोगों को बांटे जा रहे फूड पैकेट
केदारनाथ पैदल मार्ग और अन्य यात्रा पड़ावों पर फंसे यात्रियों के लिए जिला प्रशासन की ओर से भोजन की व्यवस्था की जा रही है। जिला पूर्ति अधिकारी केएस कोहली ने बताया, केदारनाथ, लिनचोली, भीमबली, सोनप्रयाग, शेरसी, गुप्तकाशी एवं चौमासी सहित अन्य स्थानों व यात्रा पड़ावों पर शुक्रवार दोपहर तक लगभग 18,000 फूड पैकेट्स व 35,000 पानी की बोतलें उपलब्ध करवाई जा चुकी हैं। इसके अलावा जीएमवीएन एवं स्थानीय व्यापारियों के सहयोग से विभिन्न स्थानों पर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
हिमाचल में मृतक संख्या 8 हुई, 45 अब भी लापता
अधिकारियों ने बताया कि तीन और शवों की बरामदगी के साथ, कुल्लू, मंडी पधर और शिमला के रामपुर उपमंडल के निरमंड, सैंज और मलाणा क्षेत्रों में अचानक आई बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या आठ हो गई है। 45 लोग अभी लापता हैं जिनकी तलाश की जा रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने शिमला और कुल्ली जिले की सीमा पर स्थित समेज जाकर हालात का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि लापता लोगों में 17-18 महिलाएं और 8-9 बच्चे शामिल हैं। उन्होंने पीड़ितों के लिए 50 हजार रुपये की तत्काल राहत और अगले तीन महीने तक 5,000 रुपये प्रति माह किराया देने की भी घोषणा की। इसके अलावा, गैस, खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक सामग्री भी मुहैया कराई जाएगी।