16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने शुक्रवार को नई दिल्ली में नीति आयोग की रिपोर्ट का प्रथम अंक जारी किया। राजकोषीय स्वास्थ्य सूचकांक (एफएचआई) का उद्देश्य उप-राष्ट्रीय स्तर पर राजकोषीय स्थिति पर प्रकाश डालना और टिकाऊ और लचीले आर्थिक विकास के लिए नीति सुधारों का मार्गदर्शन करना है।
नीति आयोग की राजकोषीय स्वास्थ्य सूचकांक (एफएचआई) 2025 रिपोर्ट में ओडिशा और छत्तीसगढ़ ने शानदार प्रदर्शन किया है। यह रिपोर्ट बताती है कि कौन-कौन से राज्य अपने पैसे को अच्छे से खर्च कर रहे हैं और कैसे वे अपने क्षेत्र का विकास कर रहे हैं।
ओडिशा 67.8 के स्कोर के साथ 18 राज्यों में शीर्ष पायदान पर है। छत्तीसगढ़ 55.2 के स्कोर के साथ दूसरे और गोवा 53.6 का स्कोर अर्जित कर तीसरे स्थान पर है। 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने शुक्रवार को नई दिल्ली में नीति आयोग की रिपोर्ट का प्रथम अंक जारी किया। राजकोषीय स्वास्थ्य सूचकांक (एफएचआई) का उद्देश्य उप-राष्ट्रीय स्तर पर राजकोषीय स्थिति पर प्रकाश डालना और टिकाऊ और लचीले आर्थिक विकास के लिए नीति सुधारों का मार्गदर्शन करना है। सफल राज्यों ने मजबूत राजकोषीय स्वास्थ्य प्रदर्शित किया है, तथा राजस्व जुटाने, व्यय प्रबंधन और ऋण स्थिरता में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। झारखंड में अच्छा सुधार देखा गया, इसने राजकोषीय विवेक और ऋण स्थिरता को मजबूत किया है। वहीं कर्नाटक को व्यय गुणवत्ता और ऋण प्रबंधन में कमजोर प्रदर्शन के कारण गिरावट का सामना करना पड़ा है। ये अंतरराज्यीय असमानताएं विशिष्ट राजकोषीय चुनौतियों का समाधान करने और सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए लक्षित सुधारों की आवश्यकता को उजागर करती हैं। 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष पनगढ़िया ने कहा कि संतुलित क्षेत्रीय विकास, दीर्घकालिक राजकोषीय स्थिरता और विवेकपूर्ण शासन के लिए राज्यों को स्थिर राजकोषीय पथ अपनाने की जरूरत है।