सड़क सुरक्षा एजेंसी, पंजाब राज्य सड़क सुरक्षा परिषद और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण भारत द्वारा सड़क दुर्घटनाओं और मौतों की दर को कम करने के लिए “ब्लैक स्पॉट् के सुधार और सड़क दुर्घटनाओं और मौतों पर प्रभाव” विषय पर आज एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई।
महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान, सेक्टर 26 चंडीगढ़ में चल रहे राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह 2025 के संदर्भ में आज सड़क दुर्घटनाओं के खतरनाक ब्लैक स्पॉट् को सुधारने और सड़क दुर्घटनाओं और मौतों पर उनके प्रभाव पर केंद्रित एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला पंजाब राज्य सड़क सुरक्षा परिषद द्वारा, पंजाब परिवहन विभाग के नेतृत्व में और राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण भारत, पी.डब्ल्यू.डी (बी एंड आर) विभाग, स्थानीय निकाय, पंजाब मंडी बोर्ड और पंजाब ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से आयोजित की गई।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, परिवहन श्री डी.के. तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सक्षम नेतृत्व और परिवहन मंत्री श्री ललजीत सिंह भुल्लर के निर्देशों के तहत सड़क सुरक्षा से संबंधित विशेष प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य सड़क सुरक्षा से संबंधित संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा करना और उनका समाधान करना है। उन्होंने कहा कि यह विचार-विमर्श सड़क सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाने और सड़क खतरों को कम करने के लिए भविष्य की रणनीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसके अतिरिक्त, उन्होंने सड़क सुरक्षा बल द्वारा निभाए जा रहे भूमिका की सराहना की और सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों को आपसी तालमेल बढ़ाकर सुसंगत तरीके अपनाने के लिए प्रेरित किया। विशेष रूप से, उन्होंने धुंध के मौसम में ड्राइविंग के दौरान आने वाली समस्याओं को दूर करने और कम उम्र के बच्चों को वाहन न चलाने देने के लिए प्रेरित किया।
लीड एजेंसी, सड़क सुरक्षा के महानिदेशक श्री आर. वेण्कट रत्नम ने अपने संबोधन में विभिन्न अधिकारियों से कहा कि राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या बहुत अधिक है, जो कि रोजाना 14 मौतें हो रही हैं। इन मौतों को घटाने के लिए सड़क से संबंधित एजेंसियों को राष्ट्रीय हाईवे, पी.डब्ल्यू.डी, पंजाब मंडी बोर्ड, स्थानीय निकाय विभाग को अधिक प्रयास करने चाहिए और उनके क्षेत्र में पड़ने वाली सड़कों पर बने ब्लैक स्पॉट् की सुधार सही तरीके से की जानी चाहिए और उसका मूल्यांकन भी सही तरीके से किया जाना चाहिए ताकि दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम किया जा सके। इसके अतिरिक्त, उन्होंने पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिया कि ट्रैफिक नियमों को सख्ती से लागू किया जाए और ट्रैफिक कानूनों का सही पालन कराया जाए ताकि सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं को कम किया जा सके और कीमती जानें बचाई जा सकें। उन्होंने यह भी कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों और घायलों से संबंधित डेटा सही तरीके से दर्शाया जाए ताकि उसके मुताबिक दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सही योजना बनाई जा सके और इन दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सरकार द्वारा खर्च किए गए फंड्स का सही परिणाम सामने आ सके।
ए.डी.जी.पी. (ट्रैफिक) श्री ए.एस. राय ने सड़क सुरक्षा बल की कार्यक्षमता पर प्रकाश डाला और कहा कि पिछले 11 महीनों के दौरान सड़क सुरक्षा बल की प्रभावी कार्यवाही के कारण पंजाब में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं और उनमें होने वाली मौतों में काफी कमी आई है, जिसका श्रेय हमारी मौजूदा पंजाब सरकार को जाता है।
राज्य परिवहन आयुक्त स जसप्रीत सिंह ने सड़क हादसों की सुरक्षा के लिए स्कूलों और कॉलेजों के विद्यार्थियों के लिए विशेष जागरूकता अभियान, सीट बेल्ट के महत्व, पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग, बड़े शहरों में इलेक्ट्रॉनिक निगरानी विधि के साथ चालान जारी करना, थर्ड पार्टी इंश्योरेंस और प्रदूषण प्रमाणपत्र की जांच, विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा से संबंधित ट्रैफिक पार्कों में ट्रैफिक नियमों से अवगत कराना, ऑनलाइन लर्निंग लाइसेंस प्रक्रिया को आसान बनाना, आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
श्री विपनेश शर्मा, आर.ओ. राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण भारत ने सड़क सुरक्षा से संबंधित जानकारी दी और ब्लैक स्पॉट्स के सुधार से संबंधित अपने विभाग द्वारा किए गए उपायों के बारे में विशेष जानकारी दी ताकि सड़क दुर्घटनाओं को घटाकर कीमती जानें बचाई जा सकें।
इस कार्यशाला में पंजाब सरकार और विभिन्न संबंधित एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों सहित प्रमुख हिस्सेदारों ने भाग लिया। विशेषज्ञों ने सड़क दुर्घटनाओं को घटाने, सड़क संरचना में सुधार करने और लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न सुरक्षा उपायों और भविष्य की कार्य योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।