Wednesday, January 15, 2025
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तमिलनाडु के मदुरै में जल्लीकट्टू आयोजन की शुरुआत, विजेता को ट्रैक्टर और कार जैसे इनाम

मदुरै जिला प्रशासन ने निर्देश दिया है कि प्रत्येक बैल को तीन में किसी एक आयोजन में ही शामिल किया जाएगा। साथ ही आयोजन के दौरान बैल का मालिक और उसका प्रशिक्षक भी मौजूद रहेगा। बैलों और प्रतिभागियों को जिला प्रशासन की वेबसाइट पर खुद को पंजीकृत कराना होगा।

तमिलनाडु में विश्व प्रसिद्ध जल्लीकट्टू आयोजन की शुरुआत मंगलवार से हो गई है। मदुरै के अवनियापुरम गांव में पहले दिन जल्लीकट्टू का आयोजन शुरू हुआ, जिसमें 1100 बैल और 900 प्रतिभागी शामिल हैं। सबसे अच्छे बैल को विजेता के रूप में 11 लाख रुपये के ट्रैक्टर का इनाम दिया जाएगा। वहीं बैल को सबसे अच्छे तरह काबू करने वाले प्रतिभागी को आठ लाख रुपये की कार इनाम में मिलेगी। मदुरै के अवनियापुरम गांव के अलावा पालामेडु और अलांगालुर में भी क्रमशः 15 जनवरी और 16 जनवरी को जल्लीकट्टू खेल का आयोजन किया जाएगा। हालांकि आयोजन के दौरान सुरक्षा के भी सख्त निर्देश दिए गए हैं ताकि आयोजन के दौरान कोई हादसा न हो सके।

जल्लीकट्टू को लेकर जिला प्रशासन ने जारी किए निर्देश
मदुरै जिला प्रशासन ने निर्देश दिया है कि प्रत्येक बैल को तीन में किसी एक आयोजन में ही शामिल किया जाएगा। साथ ही आयोजन के दौरान बैल का मालिक और उसका प्रशिक्षक भी मौजूद रहेगा। बैलों और प्रतिभागियों को जिला प्रशासन की वेबसाइट पर खुद को पंजीकृत कराना होगा। सभी प्रतिभागियों के दस्तावेज जिला प्रशासन द्वारा सत्यापित किए जाएंगे। सत्यापन के बाद जो लोग योग्य माने जाएंगे, उन्हें ही टोकन जारी किए जाएंगे। टोकन के बिना किसी भी बैल या बैल को काबू करने वाले प्रतिभागी की एंट्री नहीं होगी।

जल्लीकट्टू क्यों मनाया जाता है?
जल्लीकट्टू का आयोजन तमिलनाडु में पोंगल के त्योहार पर किया जाता है। तकरीबन 2500 साल पहले इस खेल को शुरू किया गया था और इसे तमिलनाडु की संस्कृति का पर्व माना जाता है। तमिल के दो शब्द जली और कट्टू से मिलकर जल्लीकट्टू बना है। जली का अर्थ सिक्के और कट्टू सांड के सींग को कहा जाता है। पोंगल का पर्व फसल की कटाई से जुड़ा है और फसल में बैलों का इस्तेमाल काफी होता है, इसलिए उन्हें संरक्षित करने का भाव बढ़ाने के लिए भी जल्लीकट्टू का आयोजन किया जाता है। इस खेल में सांडों के सींगों में सिक्कों की थैली बांधकर उन्हें भीड़ के बीच छोड़ दिया जाता है। जो प्रतिभागी एक निश्चित समय में इस सांड के सींगों पर बंधी सिक्कों की थैली को खोल लेता है, उसे विजेता माना जाता है।

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