आंकड़ों के अनुसार, साल 2022 में दुनियाभर में करीब 30 करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी से सक्रिय तौर पर संक्रमित हैं। भारत में हेपेटाइटिस बी और सी से सबसे ज्यादा करीब 5 करोड़ लोग संक्रमित हैं।
हर वर्ष 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस बीमारी के प्रति जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है और इस बीमारी की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हर 30 सेकेंड में हेपेटाइटिस संबंधी बीमारी से दुनिया में एक व्यक्ति की मौत हो रही है। वहीं हर दिन छह हजार से ज्यादा लोग हेपेटाइटिस वायरस के चलते अपनी जान गंवा रहे हैं।
लिवर की संक्रामक बीमारी है हेपेटाइटिस
हेपेटाइटिस ऐसी ही लिवर की एक संक्रामक बीमारी है। आमतौर पर वायरल संक्रमण के कारण होने वाली हेपेटाइटिस की समस्या लिवर में सूजन का कारण बनती है। ये कई अन्य कारणों जैसे ऑटोइम्यून रोगों की वजह से भी हो सकती है, इस स्थिति में आपका शरीर लिवर के स्वस्थ ऊतकों को क्षति पहुंचाने लगता है।
हेपेटाइटिस ए, बी और सी के मामले सबसे ज्यादा रिपोर्ट किए जाते रहे हैं।
हेपेटाइटिस ए वायरस (HAV) के संक्रमण के कारण होती है। दूषित भोजन या पानी के कारण ये संक्रमण होता है।
हेपेटाइटिस बी की समस्या के लिए हेपेटाइटिस बी वायरस (HBV) को जिम्मेदार माना जाता है। हेपेटाइटिस बी का संक्रमण आमतौर पर अल्पकालिक होता है।
इसी तरह से हेपेटाइटिस सी वायरस (HCV) के कारण हेपेटाइटिस सी संक्रमण होता है। शरीर के तरल पदार्थों जैसे रक्त या वीर्य के संपर्क में आने से ये हो सकता है।
कुछ मामलों में, हेपेटाइटिस से लिवर डेमैज, लिवर फेलियर, सिरोसिस, लिवर कैंसर या मृत्यु का भी खतरा हो सकता है।
आंकड़े बेहद डरावने
आंकड़ों के अनुसार, साल 2022 में दुनियाभर में करीब 30 करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी से सक्रिय तौर पर संक्रमित हैं। इनमें से आधे लोग 30-54 साल के व्यक्ति हैं। वहीं 12 प्रतिशत संक्रमित बच्चे और 18 साल से कम उम्र के किशोर हैं। भारत में हेपेटाइटिस बी और सी से सबसे ज्यादा करीब 5 करोड़ लोग संक्रमित हैं और हर 20 में से एक भारतीय इस संक्रमण से प्रभावित है। भारत में हर साल करीब 90 लाख बच्चे गर्भवती मां से हेपेटाइटिस बी से संक्रमित होकर जन्म ले रहे हैं। हर साल करीब दो लाख भारतीयों की मौत की वजह हेपेटाइटिस का संक्रमण बन रहा है।