नौसेना प्रमुख दिनेश कुमार त्रिपाठी ने ढाई लाख रुपये का चेक देकर रीतिका का हौसला बढ़ाया। वहीं रीतिका के घर पहुंचने पर भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कप्तान और भाजपा नेता दीपक हुड्डा भी उनके घर स्वागत को पहुंचे।
वहीं पेरिस से लौटने के बाद नौसेना प्रमुख से उनकी मुलाकात बहुत अच्छी रही। रीतिका ने बताया कि नेवी में कार्यरत आठ खिलाड़ी वहां मौजूद थे। सभी को चीफ ने बधाई और शुभकामनाएं दीं। इसके अलावा रीतिका ने कहा कि अब उनका पूरा फोकस एशियन गेम्स पर रहेगा। अब वह पुरजोर तरीके से इस प्रतियोगिता की तैयारी में जुट जाएगी।
रोहतक के खरकड़ा गांव की बेटी ओलंपियन पहलवान रीतिका हुड्डा मंगलवार को फ्रांस के पेरिस से लौट आई हैं। इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उनका स्वागत फूलमालाओं से किया गया। जिस प्रकार का रीतिका ने ओलंपिक में खेल दिखाया है, हर किसी ने उनकी तारीफ की और हौसला बढ़ाया।
रीतिका के पिता जगबीर हुड्डा ने बताया कि जब वह मंगलवार को एयरपोर्ट पर बेटी के स्वागत के लिए गए तो वहीं ओलंपिक पदक विजेता अमन सहरावत के परिवार वाले भी थे। उनके परिवार ने भी रीतिका का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया और कहा कि बेटी हारी नहीं है। इनको हराया गया है, हार को महसूस न करें। उन्होंने रीतिका को भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दीं।
एयरपोर्ट के बाद रीतिका अपने नेवी कोच कुलदीप के साथ नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी से मिलीं। जगबीर हुड्डा ने बताया कि नेवी चीफ दिनेश कुमार त्रिपाठी ने भी बेटी का हौसला बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि रीतिका ने बहुत बढ़िया खेल दिखाया है। प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी पर रीतिका भारी दिख रही थी। वहीं, भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कप्तान और भाजपा नेता दीपक हुड्डा भी रीतिका के घर पहुंचे और उनका भव्य स्वागत किया। दीपक हुड्डा ने कहा कि हौसला नहीं हारना है। आगे के लिए मेहनत करते रहना है।
रीतिका हुड्डा ने ओलंपिक में जाकर एक उपलब्धि भी हासिल कर ली है। वह देश की पहली महिला पहलवान बन गई हैं, जो 76 किग्रा भारवर्ग में ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर लौटी हैं। इतना ही नहीं उन्होंने पहले मैच में एकतरफा जीत हासिल की और दूसरा मैच भी इतना बेहतरीन खेला कि कोई भी उनकी हार को स्वीकार करने को तैयार नहीं है। सभी को दूसरी कुश्ती में रीतिका का अटैकिंग खेल होते हुए भी एक-एक का स्कोर बराबर होने पर विरोधी को जिता देना खल रहा है।