Tuesday, December 10, 2024
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अब स्कूल जाने से पहले बच्चे सीखेंगे मुंह की देखभाल के गुर, बच्चों के लिए तैयार होगी राष्ट्रीय नीति

बच्चों के खानपान में आए बदलाव से मुंह से जुड़े रोग बढ़ रहे हैं। बच्चे फाइबर युक्त भोजन की जगह चिपकने वाले भोजन खाते हैं। यह मुंह से जुड़े रोग को बढ़ाता है।

स्कूल जाने से पहले बच्चे मुंह की देखभाल के गुर सीखेंगे। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर नीति का निर्माण होगा। इस नीति को बनाने के लिए एम्स के दंत चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (सीडीईआर) ने एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को सौंपा है।

दरअसल, रविवार को एम्स में ओरल हेल्थ इन इंडिया सम्मेलन का आयोजन हुआ। इसमें दंत विशेषज्ञों के अलावा स्वास्थ्य विभाग की विशेष सचिव, नीति आयोग के सदस्य सहित अन्य शामिल हुए। सम्मेलन में 0 से 5 साल तक के बच्चों को ओरल हेल्थ के लिए जागरूक करने का प्रस्ताव तैयार हुआ।

सीडीईआर की प्रमुख डॉ. रितु दुग्गल ने कहा कि प्रस्ताव में स्त्री एवं प्रसुति रोग व बाल रोग विभाग के डॉक्टरों को भी शामिल किया जाएगा। गर्भावस्था के दौरान गायनी के डॉक्टर व जन्म के बाद बाल रोग विभाग के डॉक्टर मुंह से जुड़े रोग के बारे में जागरूक करेंगे। साथ ही बताएंगे कि इन्हें कैसे रोका जा सकता है। बचपन से ही आदत होने के बाद भविष्य में समस्याएं कम होंगी।

खानपान हुआ खराब
डॉ. विजय प्रकाश माथुर ने कहा कि बच्चों के खानपान में आए बदलाव से मुंह से जुड़े रोग बढ़ रहे हैं। बच्चे फाइबर युक्त भोजन की जगह चिपकने वाले भोजन खाते हैं। यह मुंह से जुड़े रोग को बढ़ाता है। पिछले कुछ सालों में तेजी से बच्चों में समस्या बढ़ी है। इसके अलावा ब्रश करने का समय, खानपान व दूसरे कारणों से बच्चों में समस्या बढ़ी।

बढ़ रहे हैं मुंह से जुड़े रोग
देश में मुंह से जुड़े रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। सम्मेलन में डॉक्टरों ने बताया कि मुंह का कैंसर, दांत का टेढ़ा-मेढ़ा होना, दांत टूटना, मसूड़ों में खराबी, बुजुर्ग अवस्था में दांत न होन सहित दूसरे रोग हर उम्र के मरीज में बढ़ा है। इन्हें उपयुक्त इलाज देने के लिए सुविधाओं का विस्तार किया जाना है।

रिसर्च को दिया जाएगा बढ़ावा
डॉ. रितु दुग्गल ने कहा कि सम्मेलन में रिसर्च को बढ़ावा देने पर फैसला लिया गया है। इसकी मदद से रोग के इलाज के लिए बेहतर विकल्प के साथ स्वदेशी सुविधाओं को विकसित करने पर ध्यान दिया जाएगा। साथ ही निर्णय लिया गया कि मरीजों को इलाज से ज्यादा रोग की रोकथाम पर विशेष ध्यान दिया जाए।

देश भर में होगा सर्वे
मुंह से जुड़े रोग का पता लगाने के लिए देशभर में सर्वे किया जा रहा है। सीडीईआर देश के सभी राज्य, महानगरी शहर व केंद्र शासित प्रदेशों में घर-घर जा कर 10 लाख से अधिक लोगों की जांच करवाएगा। जांच के दौरान हर उम्र के लोगों में मुंह का कैंसर, दांत टेढ़े-मेढ़े होना, दांत का टूटना, दांत में कीड़े लगना, सहित मुंह के दूसरे रोग को देखा जाएगा। सर्वे करीब एक साल चलेगा। सर्वे के बाद एक सटीक आकलन कर रोगों से निपटने के लिए रणनीति बनाई जाएगी। इससे पहले साल 2014 में ऐसा ही सर्वे किया गया था हालांकि उसे सर्वे में सैंपल साइज छोटा रहा।

गांव-गांव तक पहुंचेगी मोबाइल वैन
मुंह से जुड़े रोग का पता लगाने के लिए मोबाइल वैन गांव-गांव तक पहुंचेगी। देश के अभी कुछ राज्यों में डेंटल सुविधा के साथ मोबाइल वैन उपलब्ध है। नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने डॉक्टरों को हर गांव तक मोबाइल वैन की सुविधा पहुंचाने के लिए नीति बनाने की सलाह दी है। इस वैन में मुंह की जांच के साथ प्राथमिक उपचार की सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। 

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