Friday, December 27, 2024
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मणिपुर में बम धमाकों की साजिश नाकाम; पुल के नीचे लगे विस्फोटक-डेटोनेटर, सेना ने मंसूबों पर फेरा पानी

हिंसाग्रस्त मणिपुर को दहलाने की लगातार कोशिशें की जा रही हैं। भारतीय सेना की सक्रियता से साजिशों को नाकाम किया जा रहा है। भारतीय सेना की असम राइफल्स इकाई और मणिपुर पुलिस ने एक गांव में आईईडी की सूचना पर कार्रवाई की और यहां से 3.6 किलो विस्फोटक जब्त किया गया।

हिंसाग्रस्त मणिपुर को दहलाने की लगातार कोशिशें की जा रही हैं। भारतीय सेना की सक्रियता से साजिशों को नाकाम किया जा रहा है। भारतीय सेना की असम राइफल्स इकाई और मणिपुर पुलिस ने एक गांव में आईईडी की सूचना पर कार्रवाई की और यहां से 3.6 किलो विस्फोटक जब्त किया गया। 
भारतीय सेना के मुताबिक सेना को सूचना मिली कि मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के लेसियांग गांव में आईईडी है। इस पर असम राइफल्स इकाई और मणिपुर पुलिस ने एक संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया। यहां इंफाल-चुराचांदपुर मार्ग पर एक पुल के नीचे 3.6 किलोग्राम विस्फोटक, डेटोनेटर और अन्य सामान बरामद किया गया।
इससे पहले मणिपुर में सुरक्षा बलों ने सोमवार को चुराचांदपुर जिले के तेइजांग गांव में तलाशी अभियान चलाया। यहां से तीन देसी रॉकेट, मैगजीन के साथ एक .303 राइफल, मैगजीन के साथ चार पिस्तौल, छह देसी बम और कम गुणवत्ता वाले विस्फोटक की 45 छड़ें और अन्य कारतूस जब्त किए थे। जबकि लेसियांग गांव में सुरक्षा बलों ने नौ आईईडी और डेटोनेटर जब्त किए।

इसके अलावा इंफाल पूर्वी जिले के मारिंग संदांगसेंगबा के साथ नगारियान पहाड़ी पर मैगजीन के साथ एक 7.62 मिमी एलएमजी, एक सिंगल बैरल बंदूक, एक 9 मिमी पिस्तौल और दो ग्रेनेड और अन्य कारतूस भी जब्त किए। वहीं 17 दिसंबर को भारतीय सेना और मणिपुर पुलिस ने मणिपुर के इंफाल पूर्व जिले के मापीथेल रिज क्षेत्र से 21.5 किलोग्राम वजनी पांच आईईडी बरामद किए थे।

एक साल से जारी है मणिपुर में हिंसा
बता दें कि मणिपुर में पिछले एक साल से ही हिंसा जारी है। दरअसल, मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में पिछले साल तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। राज्य में तब से अब तक कम से कम 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। हिंसा में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।

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