कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (सीएसआई) के अध्यक्ष डॉ. प्रताप चंद्र रथ ने कहा कि उच्च रक्तचाप और मधुमेह के विपरीत डिस्लिपिडेमिया एक साइलेंट किलर है। इसमें अक्सर लक्षण दिखाई नहीं देते हैं।
देश में बढ़ते दिल के दौरे के मामलों को देखते हुए कार्डियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया ने स्वस्थ दिल के पैमाने में बदलाव किया है। अब कोलेस्ट्रॉल का 100 से कम का स्तर बेहतर माना जाएगा। अभी तक यह आंकड़ा 130 का था। शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने से खून के धक्का जमने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसा होने पर धमनियों में ब्लॉकेज हो सकता है, जो दिल का दौरा दे सकता है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि पश्चिमी देशों के मुकाबले भारत में 10 साल पहले लोगों में दिल का रोग हो जाता है। इसका बढ़ा कारण खानपान, खराब हुई जीवनशैली, दैनिक शरीरिक गतिविधि में आई कमी सहित दूसरे कारण है। ऐसे में पहली बार भारतीय लोगों के आधार पर नई दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।