पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को शंभू बॉर्डर खोलने के आदेश दिए हैं। एक सप्ताह के भीतर बॉर्डर को खोलने के लिए कहा था। एक सप्ताह की समय सीमा 16 जुलाई को खत्म हो रही है।
पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को शंभू बॉर्डर से बैरिकेड्स हटाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। इसके बाद ही किसानों के दिल्ली जाने का रास्ता साफ हो पाएगा। इसे देखते हुए किसानों ने दिल्ली जाने के फैसले के लिए एक सप्ताह तक रुकने की बात कही है। उन्होंने कहा कि अगला कदम 16 जुलाई को तय किया जाएगा। जब एक सप्ताह की समय सीमा समाप्त हो जाएगी।
शंभू बॉर्डर पर मनजीत सिंह घुमाना की अगुवाई में हुई किसान संगठनों की बैठक के बाद कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर फैसला लिया गया है। खनौरी बॉर्डर पर भी रविवार को कई घंटों तक चली दोनों फॉर्मों की बैठक के बाद यह तय हुआ कि फिलहाल दिल्ली मार्च के लिए एक सप्ताह और इंतजार किया जाएगा। इस बीच किसानों द्वारा 17 और 18 जुलाई को अंबाला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन पर चर्चा की गई। इस दौरान प्रदर्शनकारी किसान नवदीप सिंह जलबेरा की रिहाई की मांग की गई।
उच्च न्यायालय की तरफ से एक सप्ताह के भीतर शंभू बॉर्डर को खोलने के आदेश की समय सीमा 16 जुलाई को खत्म हो जाएगी। वहीं, किसानों की तरफ से दिल्ली मार्च पर अभी अंतिम फैसला इसलिए नहीं हो पाया है। क्योंकि उन्हें अब तक हरियाणा सरकार के हलफनामे की कॉपी नहीं मिली है। जिससे यह पता चल सके कि सरकार अगला कदम क्या उठाने जा रही है। हालांकि किसानों का एक वर्ग दिल्ली मार्च शुरू करने के पक्ष में है। बशर्ते हरियाणा सरकार कोर्ट के आदेश का पालन करें।
22 जुलाई को विपक्ष के नेताओं से मिलेंगे किसान
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि विपक्ष के पास मांगपत्र है और 22 जुलाई को कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में विपक्ष के नेताओं के साथ किसानों की एक बैठक का अनुरोध किया गया है। जहां पर इस विषय में विशेषज्ञ अपनी राय रखेंगे। इस दौरान किसान विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात करेंगे और बजट सत्र में सी2+50 प्रतिशत लाभ के फॉर्मूले के आधार पर सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी के बारे में एक निजी विधेयक लाने की मांग करेंगे। इस बैठक में देश भर के 200 से अधिक किसान नेता शामिल हो सकते हैं।
रविवार को हुई थी बैठक
शंभू बॉर्डर खोलने के कोर्ट के आदेश के बाद किसानों ने रविवार को पहले शंभू बॉर्डर पर रूटीन मीटिंग व फिर खनौरी बॉर्डर पर एक बड़ी बैठक की थी। इस बैठक में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसान नेता शामिल हुए थे। शंभू बॉर्डर पर यह बैठक किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल की अगुवाई में की गई थी। गौरतलब है कि किसानों ने पांच महीने पहले ही दिल्ली मार्च करने का एलान किया था। इसके बाद से शंभू बॉर्डर को बंद कर दिया गया था। पंजाब और हरियाणा को अलग-अलग करने वाले इस बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस की तरफ से बैरिकेडिंग की गई थी।