राज्य के अधिक से अधिक क्षेत्र को हरा-भरा बनाने और वन्य जीवों की सुरक्षा के उद्देश्य से वन और वन्य जीव सुरक्षा विभाग द्वारा साल 2024 के दौरान महत्वपूर्ण पहल की गईं। इस वर्ष के दौरान विभिन्न योजनाओं जैसे स्टेट अथॉरिटी कैंपा और हरियाली पंजाब मिशन के तहत 2.84 लाख पौधे लगाए गए हैं। इसके अलावा, 3153.33 हेक्टेयर क्षेत्र को वनों के अधीन लाया गया है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए वन और वन्य जीव सुरक्षा मंत्री श्री लाल चंद कटारूचक ने बताया कि गैर-वन और सरकारी भूमि में लगाए गए पौधों की अवैध कटाई को रोकने के साथ-साथ पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने और अधिक से अधिक पौधे लगाने के लिए प्रेरित करने हेतु पंजाब कैबिनेट द्वारा ‘ट्री प्रिज़र्वेशन पॉलिसी फॉर नॉन-फॉरेस्ट गवर्नमेंट एंड पब्लिक लैंड्स-2024’ को हरी झंडी दी गई है।
मंत्री ने बताया कि प्रति ट्यूबवेल कम से कम 4 पौधे लगाने की नीति के तहत ट्यूबवेलों पर 28.99 लाख पौधे लगाए गए हैं। उन्होंने आगे बताया कि इस साल के दौरान 46 पवित्र वन और 268 नानक बगीचे भी स्थापित किए गए हैं। इसके साथ ही विभाग की नर्सरियों में महिला स्टाफ के लिए 78 शौचालय भी बनाए जा रहे हैं।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि 2030 तक वन अधीन क्षेत्र को 7.5 प्रतिशत तक बढ़ाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 792.88 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी गई है। उन्होंने आगे बताया कि यह परियोजना 5 वर्षों में लागू की जाएगी और इसे राज्य सरकार द्वारा जापानी इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जे.आई.सी.ए) के सहयोग से संपूर्ण किया जाएगा।
रोज़गार सृजन पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा दो वर्षों के दौरान डिप्टी रेंजर, फॉरेस्टर, वन गार्ड, क्लर्क आदि श्रेणियों में 276 सीधी भर्तियां की गई हैं।
वन्य जीव सुरक्षा विभाग की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने बताया कि छतबीड़ चिड़ियाघर में देश की सबसे बड़ी और सबसे लंबी वॉक-इन-एवियरी का उद्घाटन किया गया है। इसके साथ ही चिड़ियाघर में एक अत्याधुनिक डायनासोर पार्क भी स्थापित किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि केंद्र सरकार द्वारा प्राथमिकता के आधार पर विकसित करने के लिए पंजाब के 5 वेटलैंड्स – हरीके, रोपड़, कंजली, केशोपुर और नंगल की पहचान की गई है। उन्होंने बताया कि राज्य भर के विभिन्न चिड़ियाघरों और वन्य जीवों के संरक्षण के सर्वांगीण विकास के लिए 25.29 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।