सुरों की कोकिला लता मंगेशकर आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन संगीत के क्षेत्र में उनका योगदान सदियों तक याद किया जाएगा। लता मंगेशकर ने अपने करियर में एक ऐसा मुकाम हासिल किया, जिसे दोहरा पाना शायद किसी भी गायक-गायिका के लिए बहुत मुश्किल हो। लता मंगेशकर ने अपने करियर में 36 भाषाओं में 50 हजार से अधिक गानों को अपनी आवाज दी। आज लता मंगेशकर की दूसरी पुण्यतिथि है। आज ही के दिन उन्होंने 92 साल की उम्र में आंखिरी सांस ली थी। चलिए आपको उनकी उपलब्धियों और हिंदी सिनेमा के सफर के बारे में बताते हैं।
लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था। उनका बचपन काफी संघर्षों भरा रहा था, जब वे 13 साल की थीं उसी दौरान दिल का दौरा पड़ने से उनके पिता का निधन हो गया। लता जी के पिता के दोस्त मास्टर विनायक उन्हें गायन और अभिनय की दुनिया में लेकर आए। वे आपने पांच भाई बहनों में सबसे बड़ी थीं। उन्होंने अपने भाई-बहनों को पढ़ाने के लिए खुद को पढ़ाई दूर रखा।
लता जी ने मराठी संगीत नाटक में काम किया। महज 14 साल की उम्र में उन्होंने बड़े कार्यक्रमों और नाटकों में अभिनय करना शुरू कर दिया था। इसके बाद उन्होंने फिल्मों में गाने गाने शुरू किए। अपने करियर में लता जी ने केवल हिंदी भाषा में 1,000 से ज्यादा गानों को अपनी आवाज दी है।
संगीत के क्षेत्र में लता जी के योगदान के लिए उनको ढेरों सम्मान से सम्मानित किया गया। साल 1970 में उन्हें बेस्ट प्लेबैक सिंगर के लिए फिल्मफेयर और 1972 में सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला। लता मंगेश्कर को साल 1977 में जैत रे जैत के लिए सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका के पुरस्कार से सम्मानित किया गया वहीं, 1989 में उन्हें दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया।
साल 1989 में लता जी को पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया। लता जी को साल 2001 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। साल 2007 में उन्हे फ्रांस सरकार ने अपने सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार (ऑफिसर ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर) से सम्मानित किया। इसके अलावा भारत सरकार ने सितंबर 2019 में उनके 90वें जन्मदिन के मौके पर ‘डॉटर ऑफ द नेशन’ अवार्ड से सम्मानित किया। इसके अलावा भी उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया हैं। आज लता जी की पुण्यतिथि के मौके पर पूरा देश उन्हें याद कर रहा हैं।