2. चीन की सबसे बड़ी परियोजना: यह बांध चीन की 14वीं पंचवर्षीय योजना का हिस्सा है। यह चीन की सबसे बड़ी ढांचागत परियोजना हो सकती है।
3. परियोजना की लागत: इस परियोजना की लागत 137 बिलियन डॉलर है। यह दुनिया की सबसे बड़ी परियोजना मानी जा रही है।
4. पारदर्शिता की कमी: चीन इस परियोजना के बार में पर्याप्त जानकारी नहीं दे रहा है, जिससे यह भारत के लिए और अधिक चिंताजनक हो सकता है।
5. जल संकट: इस बांध के कारण अचानक बाढ़ की समस्या हो सकती है या पानी की की हो सकती है, जिसेस भारत को जल आपूर्ति में दिक्कत हो सकती है।
6. चीन पर निर्भरता: नई दिल्ली को चिंता है कि अगर यह बांध बनता है, तो भारत को पानी के लिए चीन पर निर्भर रहना पड़ सकता है, जिससे चीन को भारत पर दबाव बनाने का मौका मिलेगा।
7. नदी पर नियंत्रण: चीन बांध के कारण नदी के पानी पर नियंत्रण रखेगा, जिससे निचले इलाकों में पानी की कमी हो सकती है।
8. भू-राजनीतिक तनाव: यह परियोजना भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ा सकती है और दोनों देशों के बीच जल युद्ध की संभावना को जन्म दे सकती है।
9. क्षेत्रीय खतरे: चीन इस बांध से पानी का प्रवाह नियंत्रित कर सकता है और युद्ध की स्थिति में सीमा क्षेत्रों में बाढ़ ला सकता है।
10. भारत की प्रतिक्रिया: भारत भी अरुणाचल प्रदेश में ब्रहमपुत्र पर अपना बांध बना रहा है। भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों की 18 दिसंबर को बैठक हुई थी, जिसमें आंकड़ों को साझा करने पर चर्चा हुई थी।