मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में, पंजाब सरकार ने वर्ष 2024 के दौरान सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। रक्षा सेवाएं कल्याण मंत्री मोहिंदर भगत के निर्देशन में उठाए गए ये कदम राज्य सरकार की सशस्त्र बलों के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
मंत्री मोहिंदर भगत ने रक्षा सेवाएं कल्याण विभाग द्वारा शुरू किए गए सुधारों और नई पहलों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ऑपरेशन ब्लू स्टार से प्रभावित धर्मी सैनिकों की मासिक सहायता राशि ₹10,000 से बढ़ाकर ₹12,000 कर दी गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह निर्णय प्रभावित परिवारों के लिए वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के प्रति उनकी समर्पित भावना को दर्शाता है।
ड्यूटी के दौरान घायल हुए दिव्यांग सैनिकों के लिए दी जाने वाली सहायता को लेकर मंत्री ने बताया कि उन्हें दी जाने वाली एक्स-ग्रेशिया राशि को दोगुना कर दिया गया है। अब विकलांगता के आधार पर ₹10 लाख से लेकर ₹40 लाख तक की सहायता राशि दी जा रही है। यह निर्णय उन सैनिकों के प्रति सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है जिन्होंने साहस और समर्पण के साथ देश की सेवा की है।
युद्ध जागीर योजना के बारे में बात करते हुए मंत्री भगत ने कहा कि इस योजना के तहत लाभार्थियों को दी जाने वाली वार्षिक वित्तीय सहायता ₹10,000 से बढ़ाकर ₹20,000 कर दी गई है। इसके अलावा, प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के गैर-पेंशनधारी पूर्व सैनिकों और 65 वर्ष से अधिक उम्र की उनकी विधवाओं के लिए मासिक वित्तीय सहायता ₹6,000 से बढ़ाकर ₹10,000 कर दी गई है ताकि हमारे बुजुर्ग योद्धाओं और उनके परिवारों को सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित किया जा सके।
शहीदों के प्रति पंजाब सरकार द्वारा दिए गए सम्मान की पुष्टि करते हुए, मंत्री ने बताया कि अमृतसर स्थित पंजाब स्टेट वॉर हीरोज मेमोरियल में आयोजित एक समारोह में ऑपरेशन विजय के दौरान शहीद हुए 65 सैनिकों के परिवारों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इसी प्रकार, ऑपरेशन पवन के दौरान श्रीलंका में शहीद हुए 114 सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए लुधियाना वॉर मेमोरियल में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया।
मंत्री ने बताया कि गत वर्ष 8 नवंबर से 7 दिसंबर तक पंजाब के विभिन्न जिलों में होती हुई एक साइकिल रैली निकाली गई। एक महीने तक चली यह रैली चंडीगढ़ के वार मेमोरियल में सम्पन्न हुई जहां शहीदों और पूर्व सैनिकों की कुर्बानियों को याद किया गया जिस से राज्य निवासियों में गर्व और एकता की भावना पैदा हुई।
विभाग द्वारा रोजगार के लिए विभाग द्वारा किए गए प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए, श्री भगत ने बताया कि ऑनर एंड ग्रैच्युटी पॉलिसी के तहत शहीदों के 14 आश्रितों को सरकारी नौकरियां दी गई हैं। इसके अलावा, पंजाब में पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के लिए सीधी भर्ती में 13% आरक्षण प्रदान किया गया है और दो वर्षों में 2,044 पद भरे गए हैं। यह कदम सैनिकों के परिवारों की भलाई के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि ग्रुप बी और सी कर्मचारियों के लिए नए सेवा नियम बनाए गए हैं, जिन्हें कैबिनेट द्वारा स्वीकृति दी गई है। साथ ही, पंजाब पब्लिक सर्विस कमीशन (पीपीएससी) के माध्यम से पांच जिला रक्षा सेवाएं कल्याण अधिकारियों की भर्ती की गई है।
पेंशन वितरण को सुचारू रूप से सुनिश्चित करने के लिए 15 दिनों का विशेष स्पर्श कैंप आयोजित किया गया, जिसमें 1,691 पूर्व सैनिकों, विधवाओं और आश्रितों को उनके जीवन प्रमाण पत्र अपलोड करने की सुविधा प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त, कल्याण योजनाओं पर एक व्यापक पुस्तिका प्रकाशित की गई और लाभार्थियों के बीच वितरित की गई, ताकि वे सरकारी सहायता और योजनाओं के बारे में बेहतर जानकारी प्राप्त कर सकें।
सैनिकों द्वारा दी जाने वाली विशिष्ट सेवाओं को मान्यता देते हुए, श्री भगत ने बताया कि सैन्य पुरस्कार प्राप्त करने वालों के लिए एकमुश्त अनुदान राशि को संशोधित किया गया है। परम विशिष्ट सेवा मेडल प्राप्त करने वाले सैनिकों को अब ₹6 लाख दिए जा रहे हैं, जबकि सर्वोत्तम युद्ध सेवा मेडल से सम्मानित सैनिकों को ₹6.50 लाख की राशि प्रदान की जा रही है।
मंत्री ने कहा कि वर्ष 2024 रक्षा सेवाएं कल्याण विभाग के लिए एक बड़ा बदलाव लेकर आया। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों की भलाई, सम्मान और खुशहाल जीवन सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।