Saturday, December 28, 2024
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दिल्ली नहीं होगी गंदी: निगम ने बनाए 45 ग्रीन वेस्ट मैनेजमेंट सेंटर, जानें क्या है इनका काम

हरित अपशिष्ट प्रबंधन केंद्रों में गीले कचरे को रखने की खास व्यवस्था है। कचरे का ढेर दबाकर बंडल बनाने से कम जगह में रखने में निगम को सहूलियत हो रही है।

MCD built 45 green waste management centers in Delhi

ग्रीन वेस्ट मैनेजमेंट सेंटरों में गीला कचरा महीनों स्टोर और कंट्रोल रहेगा। यहां हरित व जैविक कचरा जैसे कि घास, पत्तियां, छोटी शाखाएं इत्यादि को नायलॉन की जालियों में बंडल बनाकर 4-5 महीने तक रखने की व्यवस्था की गई है। कचरे के ढेर को दबाकर बंडल बना देने के कारण इसे कम जगह में रखने को लेकर निगम को सहूलियत हो रही है। इसमें धीरे-धीरे कचरा सड़कर खाद में तब्दील हो रहा है।

दिल्ली में अबतक 45 ग्रीन वेस्ट मैनेजमेंट सेंटर निगम ने बनाए हैं। जल्द ही इनकी संख्या 52 करने की तैयारी है, जिनके लिए जगह तय की जा रही है। बागवानी विभाग के इस कदम से हरित कचरे के प्रबंधन के पुराने तरीके से छुटकारा मिल रहा, जिसमें सूखी घास, पत्ते, पेड़ों की टहनियां पार्कों, या फिर लैंडफिल साइटों पर ले जाकर डंप की जाती थीं। तेज हवा चलने पर ये फैलते थे और फिर से शहर को गंदा करते थे। लैंडफिल साइटों तक ले जाने के लिए इनकी ढुलाई पर परिवहन का खर्चा अलग होता था। तीन तरह से तैयार किए हैं ग्रीन वेस्ट मैनेजमेंट सेंटर
एमसीडी के बागवानी विभाग ने इन ग्रीन वेस्ट मैनेजमेंट सेंटरों को तीन तरह से तैयार किया है। पहले तरह के सेंटरों में हरित कचरे को बंडल बनाकर रखने की व्यवस्था है। दूसरे तरह के सेंटरों में हरित कचरे को गोलाई में रखकर कच्ची मिट्टी के लेप से ढकने की व्यवस्था की गई है। तीसरे में हरित कचरे को मिट्टी के नीचे दबाने की व्यवस्था है।

बंडल बनाकर रखने का तरीका कारगर
बागवानी विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, ग्रीन वेस्ट मैनेजमेंट का तीसरा तरीका इतना सफल नहीं है। इसलिए धीरे-धीरे इस विधि को अपनाने से परहेज किया जा रहा। क्योंकि महीनों बाद मिट्टी के नीचे दबे हरित कचरे से तैयार हुई खाद को खोजने में परेशानी होती है और जगह भी ज्यादा लगती है। कई बार खाद मिलती ही नहीं है। लेकिन बंडल बनाकर हरित कचरे को रखने का तरीका कारगर साबित हो रहा। ज्यादातर सेंटरों में इस तरीके का इस्तेमाल किया जा रहा।

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