मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व अधीन पंजाब सरकार ने मौजूदा बिजाई सीजन के दौरान गत् वर्ष के मुकाबले बासमती की फ़सल अधीन 67 प्रतिशत क्षेत्र और बढ़ाने का लक्ष्य निश्चित किया है जिससे राज्य के किसानों को पानी की अधिक खपत वाले धान से छुटकारा दिलाया जा सके। यह जानकारी आज यहाँ पंजाब के कृषि और किसान कल्याण मंत्री स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने दी।
यहाँ अपने दफ़्तर में विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये कृषि मंत्री ने बताया कि साल 2024-25 के दौरान बासमती अधीन तकरीबन 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल लाया जायेगा, जोकि पिछले साल 5. 96 लाख हेक्टेयर था।
धान की सीधी बिजाई (डी. एस. आर.) तकनीक के सार्थक नतीजों को देखते हुये स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने विभाग के अधिकारियों को डी. एस. आर. के अधीन क्षेत्र बढ़ाने के लिए हर संभव यत्न करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने बताया कि अधिक से अधिक किसानों को डी. एस. आर. तकनीक अपनाने के लिए उत्साहित करने के लिए पंजाब सरकार द्वारा उनको 1500 रुपए प्रति एकड़ वित्तीय सहायता भी दी जा रही है।
उन्होंने आगे बताया कि विभाग की मौजूदा बिजाई सीजन के दौरान 2 लाख हेक्टेयर धान की फ़सल ( ग़ैर- बासमती) इस तकनीक अधीन लाने की योजना है जबकि पिछले साल इस विधि के अधीन 1.70 लाख हेक्टेयर क्षेत्र था।
कृषि मंत्री ने जैविक खादों की गुणवत्ता को यकीनी बनाने के लिए गुरदासपुर, बठिंडा और एस. ए. एस नगर ( मोहाली) में स्थापित की जा रही बायोफर्टीलाईजऱ टेस्टिंग लैबों की प्रगति का भी जायज़ा लिया।
विशेष मुख्य सचिव (विकास) श्री के. ए. पी. सिन्हा ने कैबिनेट मंत्री को बताया कि गुरदासपुर लैब के लिए पहले ही 80 लाख रुपए रखे जा चुके हैं और जल्द ही इस लैब के लिए उपकरणों की खरीद की जायेगी।
कृषि मंत्री ने विभाग के अधिकारियों को बीजों, खादों और कीटनाशकों के समय समय पर नमूने लेकर किसानों को बेहतर गुणवत्ता वाली कृषि सामग्रियों की उपलब्धता को यकीनी बनाने के लिए भी कहा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कोई भी इन सामग्रियों की गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ करता पाया गया तो उसे बख्शा नहीं जायेगा।
डायरैक्टर कृषि जसवंत सिंह ने बताया कि यह पहली बार है कि नरमे की फ़सल को कीड़ों से बचाने के लिए फैरोमोन ट्रैप की खरीद के लिए लगभग 2 करोड़ रुपए रखे गए हैं।
इस मीटिंग में ज्वाइंट डायरैक्टर (आंकड़ा) हरप्रीत कौर, ज्वाइंट डायरैक्टर (ई एंड टी) दिलबाग सिंह, ज्वाइंट डायरैक्टर (इनपुटस) गुरजीत सिंह बराड़ और विभाग के अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।