पंजाब के मुख्य मंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा है कि राज्य सरकार
शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह के नक्शेकदम पर चल रही है ताकि समाज के हर वर्ग का कल्याण सुनिश्चित बनाया जा सके।
यहां महाराजा की बरसी के अवसर पर एक राज्य स्तरीय समारोह के दौरान सभा को संबोधित करते हुए मुख्य मंत्री ने कहा कि महाराजा रणजीत सिंह एक महान राजा थे जिन्होंने महान सिख गुरुओं द्वारा प्रचारित धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद के सिद्धांतों को सही मायने में लागू किया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि महाराजा रणजीत सिंह ने एक सच्चे सिख के रूप में कानून और व्यवस्था और अपने लोगों के कल्याण को सुनिश्चित किया और लोगों की दुर्दशा को महसूस करने के लिए रात में भेष बदलकर अपने राज्य का दौरा भी किया। उन्होंने कहा कि महाराजा रणजीत सिंह लोगों के प्रति अपने प्यार और स्नेह के कारण लोगों के सच्चे राजा थे।
मुख्य मंत्री ने कहा कि शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह सिख साम्राज्य के संस्थापक थे, जिनका राज्य पश्चिम में खैबर दर्रे से लेकर उत्तर में कश्मीर, दक्षिण में सिंध और पूर्व में तिब्बत तक फैला था। उन्होंने कहा कि महाराजा रणजीत सिंह के नक्शेकदम पर चलते हुए राज्य सरकार ने समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए कई जनहितैषी योजनाएं शुरू की हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा महाराजा रणजीत सिंह की शानदार विरासत को संरक्षित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह सिख साम्राज्य के संस्थापक थे, जिनका राज्य पश्चिम में खैबर दर्रे से लेकर उत्तर में कश्मीर, दक्षिण में सिंध और पूर्व में तिब्बत तक फैला था। उन्होंने कहा कि महाराजा रणजीत सिंह के नक्शेकदम पर चलते हुए राज्य सरकार ने समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए कई जनहितैषी योजनाएं शुरू की हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा महाराजा रणजीत सिंह की शानदार विरासत को संरक्षित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि उन्हें संत बाबा अतर सिंह जी के आशीर्वाद वाले इस पवित्र स्थान पर आने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि महाराजा रणजीत सिंह ने उस समय सम्राट होते हुए भी श्री अकाल तख्त साहिब से मिली सजा को सहजता से स्वीकार करते थे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि महाराजा रणजीत सिंह जैसा राज्य प्रशासन देने का दावा करने वाले राज्य के पिछले नेताओं ने श्री अकाल तख्त साहिब की सर्वोच्चता को नष्ट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
मुख्य मंत्री ने इस बात पर अफसोस जताया कि राज्य की पिछली सरकारों ने महाराजा रणजीत सिंह की इस पवित्र भूमि की उपेक्षा की है। उन्होंने कहा कि इसके विपरीत पिछली सरकारों ने प्रदेश में ड्रग माफिया को पनपने दिया, जिससे प्रदेश की युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि शहीद भगत सिंह, शहीद सुखदेव, शहीद राजगुरु, शहीद करतार सिंह सराभा, शहीद उधम सिंह आदि महान शहीदों ने देश की खातिर अपनी जान कुर्बान कर दी, जबकि राज्य के पिछले शासकों ने राज्य को लूटा और बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
मुख्य मंत्री ने इस सीट से गुरमीत सिंह मीत हेयर को सांसद चुनने के लिए संगरूर संसदीय क्षेत्र के लोगों को धन्यवाद दिया और कहा कि उनके द्वारा चुना गया सांसद इस क्षेत्र की आवाज को लोकसभा में मजबूती से उठाएगा। उन्होंने कहा कि संगरूर क्षेत्र का बड़े पैमाने पर विकास होगा क्योंकि अब सांसद और राज्य सरकार क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए समन्वय के साथ मिलकर काम करेंगे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार राज्य की प्रगति और यहां के लोगों की खुशहाली के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है और आने वाले दो वर्षों में राज्य में अभूतपूर्व विकास होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विरोधी पार्टियों के नेता यह दावा करके हवा किले बना रहे हैं कि पंजाब सरकार अस्थिर है, जो जल्द ही गिर जायेगी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार लोगों के समर्थन के साथ अपना कार्यकाल पूरा करेगी, जिन्होंने 92 सीटों के साथ लोक-हितैषी सरकार के हक में फ़तवा दिया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि 1920 में अस्तित्व में आए अकाली दल की हालत बहुत दयनीय हो चुकी है, जो 2020 के बाद लगातार पतन की तरफ बढ़ रहा है और अब ख़त्म होने की कगार पर है, जबकि इसके नेता सत्य को भूलकर 25 साल राज करने का दावा कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग अकालियों को कभी भी माफ नहीं करेंगे क्योंकि उन्होंने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी का घोर पाप किया है, जो माफी के काबिल नहीं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह राज्य के विकास के लिए केंद्र से फंड नहीं मांगेंगे, बल्कि राज्य अपने ख़ुद के साधन पैदा करेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र राज्य के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है क्योंकि पंजाब के लोगों ने उनको एक भी सीट नहीं दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अब सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत लोगों को चार महीनों का गेहूँ इकट्ठा देगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पंजाब पुलिस में जल्द ही 10,000 नये मुलाजिमों की भर्ती करेगी, जिसके लिए नोटिफिकेशन पहले ही जारी किया जा चुका है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार नौजवानों को अधिकार देकर उनके प्रवास को रोकने के लिए पूरी तरह वचनबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार नहरी पानी टेलों तक पहुँचा है और यह भूमिगत जल को बचाने में अहम भूमिका निभाएगा।। उन्होंने व्यंग्य कसते हुए कहा कि पंजाब के लोग ‘ख्वाज़ा पीर’ की पूजा करते हैं परन्तु कैप्टन और सुखबीर जैसे नेताओं को इस जल देवता के बारे में कोई जानकारी नहीं है क्योंकि उन्होंने कभी ज़मीनी स्तर पर कोई काम ही नहीं किया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से लोगों की सुविधा के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है जबकि पहले के शासकों ने कभी भी इस तरफ़ ध्यान देना ज़रूरी नहीं समझा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रवायती पार्टियाँ उनसे ईर्ष्या करती हैं क्योंकि वह एक आम परिवार से सम्बन्ध रखते हैं, जिस कारण वह रोज़ाना उनके विरुद्ध ज़हर उगलते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह नेता जो यह मानते हैं कि उनके पास राज करने का ईश्वरीय अधिकार है, उनको यह बात हज़म नहीं हो रही कि एक आम आदमी राज्य को बेहतर ढंग से कैसे चला रहा है। उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने लम्बा समय लोगों को मूर्ख बनाया है परन्तु अब लोग इनके भ्रामक प्रचार में नहीं आएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने निजी कंपनी जी.वी.के. पावर के स्वामित्व वाला गोइन्दवाल पावर प्लांट खरीद कर सफलता की नयी कहानी लिखी है। उन्होंने कहा कि राज्य में पहली बार यह उलटफेर देखने को मिला है क्योंकि राज्य सरकार ने एक प्राईवेट पावर प्लांट खरीदा है जबकि पिछली सरकारों ने राज्य की जायदादें अपने चहेतों को बहुत कम कीमत पर बेच दीं थीं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह किसी भी सरकारी/ प्राइवेट कंपनी से सबसे सस्ते भाव में खरीदा गया पावर प्लांट है और एक ऐतिहासिक पहलकदमी है परन्तु 90 प्रतिशत बिजली उपभोक्ताओं को मुफ़्त बिजली मिलने के बावजूद विरोधी पक्ष ने कभी भी इस की प्रशंसा नहीं की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य के मालवा क्षेत्र के किसानों की ज़रूरतें पूरी करने के लिए जल्द ही मालवा नहर का निर्माण करेगी। उन्होंने कहा कि गिद्दड़बाहा, लम्बी और ऐसे अन्य इलाकों को इसका लाभ होगा। उन्होंने कहा कि यह आज़ादी के बाद बनने वाली पहली नहर होगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पिछले सत्ताधारियों ने कभी भी इन मुद्दों की परवाह नहीं की और इन मामलों को पूरी तरह अनदेखा किया।
मुख्यमंत्री ने सुखबीर सिंह बादल, बिक्रम सिंह मजीठिया, प्रताप सिंह बाजवा, सुखपाल सिंह खैहरा और दूसरे नेताओं को पंजाबी की बेसिक लिखित परीक्षा पास करने की चुनौती दी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह तो निश्चित है कि इन सत्ता के पीछे पागल हुए राजनीतिज्ञों को राज्य की राजधानी का नाम ज़रूर पता होगा परन्तु वह इसको पंजाबी में नहीं लिख सकते। उन्होंने कहा कि सनावर और दून स्कूल से पढ़े इन नेताओं को बेसिक पंजाबी की जानकारी नहीं है और वह यह परीक्षा पास नहीं कर सकते।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के हर जिले में मुख्यमंत्री हेल्प डैस्क स्थापित किये जा रहे हैं जिससे लोग इनके द्वारा सरकारी सेवाओं का लाभ ले सकें। उन्होंने कहा कि समर्पित अधिकारी इस डैस्क पर बैठ कर रुटीन प्रशासनिक कामों के लिए आम लोगों से अर्ज़ियाँ प्राप्त करेंगे। उन्होंने बताया कि जिले में चल रहे प्रशासनिक कामों सम्बन्धी अर्ज़ियाँ सम्बन्धित विभाग को भेजी जाएंगी जिससे काम को तुरंत पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उे सम्बन्धित कामों की अर्ज़ियों को उनके दफ़्तर में भेजा जायेगा, जहाँ से आगे इनको तुरंत निपटारे के लिए प्रशासनिक विभागों के पास भेजा जायेगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि मुख्यमंत्री का डैशबोर्ड जिलों में समूची गतिविधि की निरंतर निगरानी करेगा और आम लोगों से उनकी अर्ज़ियों और बकाया कामों बारे फीडबैक ली जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मसतूआना साहिब में मैडीकल कॉलेज स्थापित करने के लिए वचनबद्ध है और इस सम्बन्धी वह पहले ही कई प्रस्तावों पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि राज्य की विकास विरोधी ताकतों ने इस अहम प्रोजैक्ट को रोक दिया है, इस प्रोजैक्ट से क्षेत्र के लोगों की किस्मत बदल सकती थी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इनको लोगों की भलाई में कोई रूचि नहीं है, बल्कि यह हमेशा अपने संकुचित राजनैतिक हितों को पूरा करने में ही लगे रहते हैं।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह को उनके ननिहाल गाँव स्थित स्मारक पर श्रद्धांजली भी भेंट की।
इस मौके दूसरों के अलावा कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा, विधायक नरिन्दर कौर भराज और अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
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