पंजाब विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां ने मंगलवार को केंद्रीय बजट को समाज के सभी वर्गों के लिए बड़ी निराशा करार देते हुए कहा कि आज घोषित केंद्रीय बजट में देश के अहम स्थान रखने वाले पंजाब और कृषि को पूरी तरह से अनदेखा और उपेक्षित कर दिया गया है।
देश भर में कृषि की सहायता और पुनरुद्धार जैसी अत्यंत आवश्यक जरूरतों के प्रति ऐसे गैर-जिम्मेदाराना और निराशाजनक दृष्टिकोण पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, श्री संधवां ने कहा कि निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया बजट महज औपचारिकता है और यह दस्तावेज किसी भी पक्ष से सकारात्मक उपायों का धारक नहीं दिखता।
वरिष्ठ नेता ने सवाल उठाते हुए कहा कि अन्य राज्यों को वित्तीय पैकेज देने वाली केंद्र सरकार ने पंजाब की जरूरतों और आकांक्षाओं को इस तरह अनदेखा क्यों कर दिया है? स. संधवां ने कहा कि पंजाबियों ने देश के लिए अपना खून बहाया है और उनकी कुर्बानियां पूरे देश के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। यह पंजाब ही था जिसने उस कठिन समय में हरित क्रांति के माध्यम से देश का पेट भरा था।
बजट को पूरी तरह निराशाजनक बताते हुए श्री संधवां ने कहा कि वित्त मंत्री ने पिछले 10 वर्षों में कीमतों में हुई वृद्धि के बोझ को कम करने के लिए कोई प्रभावी और कारगर उपाय नहीं किए हैं। मध्यम वर्ग तो निराश हुआ ही है, लेकिन वेतनभोगी वर्ग को भी करों में कोई छूट नहीं दी गई है।
उन्होंने कहा कि यह शासन केवल कॉर्पोरेट क्षेत्रों को लाभ देने पर केंद्रित है, जबकि ईमानदारी से कर अदा करने वाले लोगों को कोई लाभ नहीं दिया गया है।
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