अक्तूबर में इसे आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा। इससे धौला कुआं से आजादपुर तक करीब 18 किलोमीटर तक का सफर सिग्नल फ्री हो जाएगा। धौला कुआं से पहले नारायणा फ्लाईओवर, मायापुरी, राजा गार्डन, पंजाबी बाग, मोती नगर, चौधरी ब्रह्म सिंह और शालीमार बाग फ्लाईओवर बने हुए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि फ्लाईओवर निर्माण की अनुमानित लागत 352.32 करोड़ रुपये है। मार्च में जारी दिल्ली सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार अक्तूबर 2023 तक 174.31 करोड़ रुपये का व्यय फ्लाईओवर निर्माण में किया गया था। दिल्ली सरकार ने पहले घोषणा की थी कि इस फ्लाईओवर का उपयोग रोजाना औसत 12,50,000 से अधिक वाहन करेंगे और सालाना छह लाख लीटर से अधिक ईंधन की बचत होगी।
यह फ्लाईओवर वेस्ट दिल्ली इंटीग्रेटेड ट्रांजिट कॉरिडोर डेवलपमेंट के तहत तैयार किया जा रहा है, जिसकी लंबाई 1.1 किलोमीटर की है। फ्लाईओवर के दोनों तरफ की चौड़ाई 23 मीटर है। दोनों तरफ से छह कारें गुजर सकती हैं। फ्लाईओवर के नीचे तीन ईएसआई अस्पताल, श्मशान घाट और मोतीनगर के पास तीन अंडरपास बनाए गए हैं, ताकि तिलक नगर से आने वाले या फिर जाने वाले वाहन चालकों को दिक्कत न हों।