अपने करियर पर बात करते हुए वाणी ने अपने तमाम किरदारों का जिक्र छेड़ा और कहा ‘बेफिक्रे’ में अपने किरदार शायरा की उनके लिए एक खास जगह है।
वाणी कपूर ने एक न्यूज पोर्टल के साथ बातचीत में असफलताओं से निपटने, अपनी ग्रोथ को समझने को लेकर खुलकर बात की। वाणी कपूर ने स्वीकार किया कि असफलता से निपटना एक निरंतर सीखने की प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि वे खुद को इमोशनली असफलताओं से अलग करने की कोशिश कर रही हैं और यह पहचान रही हैं कि यह भी जीवन का ही हिस्सा हैं। वाणी ने आगे कहा, ‘इससे सीखने का प्रयास करें’।
अभिनेत्री ने फिल्म मेकिंग में सहयोग पर भी बात किया और कहा कि एक फिल्म कैसी साबित होगी, उसका परिणाम उनके कंट्रोल से बाहर की चीज है। इसमें कई फैक्टर काम करते हैं। एक फिल्म को बहुत सारे लोगों के प्रयास के साथ बनाया जाता है। फिल्म एडिट टेबल पर भी बनाई जाती है। एक बैकग्राउंड स्कोर होता है। अन्य लोग और किरदार होते हैं। इसलिए यह सब सिर्फ आपके कंधों पर नहीं है। इसके बावजूद, वाणी ने यह बात भी स्वीकारी की वह अक्सर फिल्म के प्रदर्शन का बोझ अपने ऊपर ले लेती हैं, लेकिन वह असफलताओं को भी सहजता से लेना सीख रही हैं।
अपने करियर पर बात करते हुए वाणी ने अपने तमाम किरदारों का जिक्र छेड़ा और कहा ‘बेफिक्रे’ में अपना किरदार शायरा की उनके लिए एक खास जगह है। उन्होंने कहा कि फिल्म को वह प्यार नहीं मिला जिसकी उन्हें उम्मीद थी, इसके बावजूद वह इस किरदार से जुड़ी हुई हैं। वाणी ने कहा, ‘मेरे पूरे करियर में मेरे सारे किरदार खास रहे हैं, मुझे पता है कि इस फिल्म को वह प्यार नहीं मिला जो मैं चाहती थी, लेकिन मैं ‘बेफिक्रे’ में शायरा के किरदार से बहुत जुड़ी हुई थी’।