उच्च न्यायालय ने कहा कि पीड़िता को गर्भ में पल रहे बच्चे को जन्म देने या गर्भपात कराने का अंतिम अधिकार है और उसकी राय को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
उच्च न्यायालय ने एक नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता को 26 सप्ताह से अधिक समय तक के गर्भ को समाप्त करने की अनुमति दे दी। अदालत ने माना कि अवांछित गर्भावस्था पीड़िता के मानसिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर क्षति है। अदालत ने सफदरजंग अस्पताल को डीएनए परीक्षण के लिए भ्रूण के नमूने संरक्षित करने का भी निर्देश दिया जो लंबित आपराधिक कार्यवाही के लिए आवश्यक हो सकता है।
न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने कहा यह अदालत इस बात पर विचार कर रही है कि लगभग 16 वर्ष की पीड़िता की पीड़ा और बढ़ जाएगी, यदि उसे कम उम्र में गर्भावस्था जारी रखने के लिए मजबूर किया जाता है। उपरोक्त के अलावा पीड़िता को सामाजिक कलंक का सामना करना पड़ता है, जो उसके शरीर को दूषित करने के कारण बने निशानों को ठीक नहीं होने देता।
हाईकोर्ट ने एमिटी से पूछा, क्या आप परिवार को अनुग्रह राशि देंगे
उच्च न्यायालय ने सोमवार को एमिटी लॉ स्कूल से पूछा कि क्या वह लॉ स्टूडेंट सुशांत रोहिल्ला के परिवार को अनुग्रह राशि देगा, जिसकी 2016 में आत्महत्या कर ली गई थी। छात्र को कथित तौर पर अपेक्षित उपस्थिति की कमी के कारण सेमेस्टर परीक्षाओं में बैठने से रोक दिया गया था। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए किसी व्यक्ति को दोषी नहीं ठहरा रही है, लेकिन संस्थान का कंधा इतना बड़ा होना चाहिए कि वह प्रणालीगत विफलता की जिम्मेदारी ले सके।
उच्च शिक्षा में अनिवार्य उपस्थिति की आवश्यकता पर सवाल उठाते हुए अदालत ने केंद्र से इस मुद्दे पर दो सप्ताह के भीतर हितधारकों के साथ परामर्श शुरू करने को भी कहा। अदालत ने केंद्र सरकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से सभी शैक्षणिक संस्थानों को एक परिपत्र जारी करने को कहा, जिसमें उन्हें दो सप्ताह में शिकायत निवारण समिति गठित करने का अंतिम अवसर दिया जाए अन्यथा कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। एमिटी के तीसरे वर्ष के लॉ छात्र सुशांत रोहिल्ला ने 10 अगस्त, 2016 को अपने घर पर फांसी लगा ली थी।
हाईकोर्ट ने धीरज वधावन को मेडिकल आधार पर दी जमानत : हाईकोर्ट ने सोमवार को सीबीआई मामले में धीरज वधावन को मेडिकल आधार पर जमानत दे दी। वह करोड़ों रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में आरोपी है। न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन ने कहा, याचिकाकर्ता बीमार व्यक्ति की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश को खारिज किया जाता है। 5 जून को दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत याचिका पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी।
अमानतुल्लाह खान की न्यायिक हिरासत 23 सितंबर तक बढ़ी