Saturday, December 28, 2024
Google search engine
Homedelhidelhiजेल से बाहर आने के बाद पत्नी संग हनुमान मंदिर पहुंचे अरविंद...

जेल से बाहर आने के बाद पत्नी संग हनुमान मंदिर पहुंचे अरविंद केजरीवाल, बजरंगबली का लिया आशीर्वाद

सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और आप सांसद संजय सिंह के साथ कनॉट प्लेस के हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना की।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई। कोर्ट ने उन्हें कुछ जरूरी शर्तों के साथ जमानत दी है। जमानत मिलने के बाद कल केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर आ गए। जिसके बाद सीएम केजरीवाल आज पंत्नी सुनीता केजरीवाल संग कनॉट प्लेस स्थित प्रसिद्ध हनुमान दोपहर पहुंचे और वहां दर्शन कर आशीर्वाद लिया। इस मौके पर पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और आप सांसद संजय सिंह भी सीएम के साथ थे।
केजरीवाल को जमानत, ”मुख्यमंत्री” अभी भी जेल में
आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल को बेशक कथित आबकारी घोटाले में जमानत मिल गई है, लेकिन ”मुख्यमंत्री” केजरीवाल अभी भी जेल में रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से लगाई गई बंदिशों की वजह से केजरीवाल अभी बतौर मुख्यमंत्री काम नहीं कर सकेंगे। वह उन्हीं जरूरी फाइलों पर दस्तखत कर सकेंगे, जिनको उपराज्यपाल को भेजा जाना है। आप का मानना है कि कैबिनेट विस्तार समेत इसकी बैठकों के बारे में सुप्रीम अदालत से स्पष्टीकरण लेना पड़ेगा। वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने भी इशारा किया है कि इस बारे में वह अदालत का रुख कर सकते हैं।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को सशर्त जमानत दी है। जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय व दिल्ली सचिवालय नहीं जा सकेंगे। वहीं, किसी भी सरकारी फाइल पर तब तक दस्तखत नहीं करेंगे, जब तक ऐसा करना जरूरी न हो। यह वही फाइलें होंगी, जिनको उपराज्यपाल के पास भेजा जाना है। इससे कैबिनेट बैठक, उसके विस्तार और दूसरे कामों को करने की इजाजत नहीं होगी।

आप की लीगल टीम का भी मानना है कि मुख्यमंत्री के कामकाज पर अदालत ने बंदिशें लगाई हैं जबकि दिल्ली कैबिनेट का विस्तार लंबित है। पूर्व मंत्री राजकुमार आनंद के इस्तीफे के बाद कैबिनेट में एक पद खाली है। वहीं, कैबिनेट बैठक से तैयार होने वाले कैबिनेट नोट पर मुख्यमंत्री को दस्तखत करने होंगे। दूसरे और भी कई जरूरी काम हैं, जिनकी फाइल उपराज्यपाल को नहीं भेजनी होती। इन सब मामलों में स्पष्टीकरण के लिए वह अदालत जाएंगे। इस पर पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का भी कहना है कि इस तरह की शर्तों को अगर अदालत में चुनौती दी जाएगी तो वह नहीं टिकेंगी। 

लगाई गईं शर्तें

  • अरविंद केजरीवाल न तो मुख्यमंत्री कार्यालय और न ही सचिवालय जा सकेंगे।
  • किसी भी सरकारी फाइल पर तब तक दस्तखत नहीं करेंगे, जब तक ऐसा करना जरूरी न हो।
  • अपने ट्रायल को लेकर कोई सार्वजनिक बयान या टिप्पणी नहीं करेंगे।
  • किसी भी गवाह से किसी तरह की बातचीत नहीं करेंगे।
  • इस केस से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल तक पहुंच नहीं रखेंगे।
  • जरूरत पड़ने पर ट्रायल कोर्ट में पेश होंगे और जांच में सहयोग करेंगे।

सीएम ने 156 दिन काटी जेल
अरविंद केजरीवाल को सिविल लाइंस स्थित उनके आवास से 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था। 10 दिन की पूछताछ के बाद एक अप्रैल को उनको तिहाड़ जेल भेज दिया गया। बाद में जेल में ही 26 जून को सीबीआई ने इसी मामले में पूछताछ के लिए गिरफ्तार कर लिया। करीब 51 दिन बाद 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने 21 दिन के लिए अंतरिम बेल दी थी। मकसद लोकसभा चुनावों में अपनी पार्टी के लिए प्रचार करने का था। दो जून को केजरीवाल ने सरेंडर कर दिया था। ईडी की गिरफ्तारी के बाद से सीधे अगर शुक्रवार 13 सितंबर को केजरीवाल की रिहाई हो रही होती तो उनको 177 दिन में काटने पड़ते, लेकिन 21 दिन की रिहाई को कम करने से जेल में रहने वाले दिनों की संख्या 156 दिन बैठती है।

कथित शराब घोटाले के चार बड़े नेता जमानत पर
अरविंद केजरीवालः कथित शराब घोटाले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें सीबीआई ने भी गिरफ्तार कर लिया था। जांच एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल को शराब घोटाले का सरगना बताया था। उनको शुक्रवार जमानत मिली है।

मनीष सिसोदियाः बीते साल 26 फरवरी को गिरफ्तार सिसोदिया भी जमानत पर बाहर हैं। वह नौ अगस्त को जेल से बाहर आए। दिल्ली में जब नई शराब नीति लागू हुई थी, तब आबकारी विभाग सिसोदिया के पास ही था। सिसोदिया पर आरोप है कि आबकारी मंत्री रहते हुए उन्होंने मनमाने और एकतरफा फैसले लिए।

संजय सिंहः आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को ईडी ने पिछले साल 4 अक्तूबर को गिरफ्तार किया था। संजय सिंह पर आप के आरोपियों से 2 करोड़ की रिश्वत लेने का आरोप था। संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट से इस साल 2 अप्रैल को जमानत मिल गई।

के. कविताः बीआरएस नेता के. कविता को 15 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। ईडी का दावा है कि आम आदमी पार्टी के नेताओं के लिए विजय नायर और दूसरे लोगों को साउथ ग्रुप ने 100 करोड़ की रिश्वत दी थी। कविता इस साउथ ग्रुप का हिस्सा थीं। सुप्रीम कोर्ट ने 27 अगस्त को उन्हें जमानत दे दी थी।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments