मुख्यमंत्री अतिशी ने कहा, अगर आप देश भर में न्यूनतम मजदूरी देखने जाएंगे तो अरविंद केजरीवाल की सरकार में देश में सबसे अधिक न्यूनतम मजदूरी दी गई है। गरीब लोगों के शोषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने ऐतिहासिक स्तर पर न्यूनतम मजदूरी को पहुंचाया है।
दिल्ली सरकार ने दीवाली से पहले लाखों श्रमिकों और कर्मचारियों को तोहफा दिया है। दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी ने न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने की घोषणा की है। इसके बाद अब अकुशल श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी 18066 रुपये हुई, जो पहले 17494 रुपये थी। अर्धकुशल श्रमिकों का अब न्यूनतम मेहनताना 19,929 रुपये हुआ, जो पहले 19,279 रुपये था। इसी तरह कुशल श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 21,917 हुआ जो पहले पहले 21,215 रुपये था।
पहली बार जब अरविंद केजरीवाल की सरकार ने 2016-2017 में न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाने की बात की तो भाजपा ने अपने उपराज्यपाल के माध्यम से हमें रोका। तब न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार कोर्ट से आदेश लेकर आई। भाजपा ने इसकी पुरजोर विरोध किया।
हमेशा की तरह अरविंद केजरीवाल की सरकार लड़-झगड़कर दिल्ली के आम लोगों के हक में फैसला लेकर आई। अगर आप भाजपा शासित राज्यों को देखें तो वहां पर दिल्ली के मुकाबले शायद उसकी आधी न्यूनतम मजदूरी होगी। भाजपा अपने राज्यों में तो कम मजदूरी देती ही है और दिल्ली में भी उसे रोकने का पूरा प्रयास करती है। न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि कर रहे हैं।”