सीडीएस ने कहा कि हमें अपनी मुख्य योग्यता की पहचान कर उस पर फोकस करने की जरूरत है। नागरिक-सैन्य संलयन (Infusion) सरकार की नीति होनी चाहिए।
चीफ डिफेंस ऑफ स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान का कहना है कि सैन्य और नागरिक सहयोग से देश के रक्षा क्षेत्र को मजबूत बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार की भी ऐसी नीति की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सहयोगात्मक प्रतिस्पर्धा आज समय की मांग है।
‘सहयोगात्मक प्रतिस्पर्धा आज समय की मांग’
दिल्ली में आयोजित हुए एक कार्यक्रम के दौरान सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि भारत के रक्षा उद्योग और विदेशी उपकरण निर्माताओं (Original Equipment Manufacturer) के बीच एक दूसरे पर निर्भरता बढ़ाने को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। इससे भारत एक ऐसे वातावरण का निर्माण कर सकता है, जहां सभी को ज्ञान, तकनीक और संसाधनों साझा करने की अनुमति होगी। सहयोगात्मक प्रतिस्पर्धा आज समय की मांग है। ऐसे में हमें अपनी मुख्य योग्यता की पहचान कर उस पर फोकस करने की जरूरत है। नागरिक-सैन्य संलयन (Infusion) सरकार की नीति होनी चाहिए।
सीडीएस ने कहा कि ‘रणनीति एक व्यापक ढांचे के रूप में काम करती है जो वांछित लक्ष्यों को परिभाषित करती है, और उन लक्ष्यों को पाने के तरीकों की रूपरेखा तैयार करती है। बड़े सपने देखें, छोटी शुरुआत करें, तेजी से काम करें… यह दृष्टिकोण एक महत्वाकांक्षी दृष्टि के लिए जरूरी है।
चेन्नई में होगी हवाई प्रदर्शनी
भारतीय वायुसेना आगामी 6 अक्तूबर को हवाई प्रदर्शनी का आयोज करने जा रही है। 6 अक्टूबर को चेन्नई में होने वाले हवाई प्रदर्शन में 10-12 लाख लोगों के आने की उम्मीद है। दो दशक के बाद चेन्नई में होने वाला यह पहला ऐसा प्रदर्शन है। इस प्रदर्शन में 22 तरह के अलग-अलग विमान हिस्सा ले रहे हैं। ग्रुप कैप्टन सुपनदीप सिंह ने यह जानकारी दी।