विशेषज्ञों का कहना है कि इससे सबसे ज्यादा वह पक्षी प्रभावित हो रहे हैं, जो यमुना के पानी पर निर्भर हैं। हांलाकि, बड़ी संख्या में विदेशी पक्षी प्रवास के लिए यहां आते हैं। ऐसे में इस बार यमुना का प्रदूषित पानी इन पक्षियों के लिए खतरा साबित हो सकता है।
चिकित्सालय में लाए जा रहे बीमार पक्षियों में सबसे अधिक कबूतर और चील है। चिकित्सकों का कहना है कि बीते तीन दिन में 15 कबूतर, सात चील, पांच कौवा और तीन तोते लाए गए हैं। यही नहीं, दो मोर भी हैं। मोरों की हालात बेहद नाजुक है। यह मोर अब कभी उड़ नहीं पाएंगे। इन्हें लकवा मार गया है। यमुना खादर से आए हेमंत श्रीवास्तव ने बताया कि वह इलाज के लिए दो बीमार कबूतर लेकर आएं। उन्होंने कहा कि यह लगातार दूसरा दिन है जब उन्हें घर के पास कबूतर पड़ा मिला है।विदेशी मेहमानों पर भी संकट के आसार