मुख्यमंत्री स.भगवंत सिंह मान द्वारा राज्य से भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ने के उद्देश्य से श्री वरिंदर कुमार, विशेष डी.जी.पी.-कम-मुख्य निदेशक विजिलेंस ब्यूरो ने फील्ड अधिकारियों को शिकायतों का निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध निपटारा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने आज विजिलेंस ब्यूरो भवन एस.ए.एस. नगर में वार्षिक विजिलेंस जागरूकता सप्ताह के पहले दिन शपथ ग्रहण समारोह के पश्चात अधिकारियों/कर्मचारियों को संबोधित किया, जिसका उद्देश्य नागरिकों और सरकारी कर्मचारियों को भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन की महत्वता के प्रति जागरूक करना था।
अधिकारियों को सभी सात रेंजों में व्यापक जागरूकता अभियान शुरू करने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि विजिलेंस ब्यूरो रेंजों के सभी एस.एस.पीज और फील्ड अधिकारियों को नागरिकों के साथ जुड़ना चाहिए। उन्होंने कहा, “भ्रष्टाचार विरोधी संदेश को जमीनी स्तर तक पहुंचाना चाहिए ताकि समाज में पारदर्शिता, जवाबदेही, ईमानदारी और अखंडता को प्रोत्साहित किया जा सके।”
विजिलेंस ब्यूरो मुखी ने बताया कि इस वर्ष विजिलेंस जागरूकता सप्ताह का उद्देश्य केंद्रीय सतर्कता आयोग की सोच के अनुसार ‘देश की खुशहाली के लिए ईमानदारी की संस्कृति’ का निर्माण है।
भ्रष्टाचार के प्रति अपनी जीरो-सहनशीलता नीति को जारी रखते हुए विजिलेंस ब्यूरो ने मार्च 2022 से अब तक भ्रष्टाचार के 673 मामले दर्ज किए हैं। उन्होंने आगे बताया कि इन मामलों की जांच के दौरान कुल 758 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार राज्य और उसके नागरिकों की अखंडता और सम्मान के खिलाफ एक खतरनाक और घृणास्पद अपराध है, चाहे वह सेवा देने वालों या प्राप्त करने वाले नागरिकों द्वारा किया गया हो। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि किसी को भी भ्रष्ट कार्यों और दुरव्यवहार में शामिल पाया गया तो उसे किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे राज्य में भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन को सुनिश्चित करने के लिए सरकार और विजिलेंस ब्यूरो के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में अपना सहयोग दें।
श्री वरिंदर कुमार ने बताया कि एक नागरिक केंद्रित शिकायत प्रणाली बनाने के उद्देश्य से पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा 2022 में मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाइन व्हाट्सएप नंबर 9501-200-200 शुरू किया गया था, जिसके तहत ब्यूरो द्वारा 189 एफ.आई.आर. दर्ज की गई हैं।
इस अवसर पर डी.आई.जी. विजिलेंस ब्यूरो हरजीत सिंह और संयुक्त निदेशक श्री कंवलजीत सिंह और अरुण सैनी भी मौजूद थे।