पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज दिल्ली के अपने समकक्ष के साथ राज्य के नगर निगम वाले शहरों को नया रूप देने के लिए बैठक की।
यह बैठक शहरी विकास को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार और दिल्ली सरकार के बीच ज्ञान आदान-प्रदान संबंधी समझौते के तहत आयोजित की गई थी, जिसमें राज्य के सभी नगर निगमों के कमिश्नर भी शामिल हुए।
अधिक जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि बैठक का उद्देश्य राज्य के नगर निगम शहरों में चल रहे विकास कार्यों को बढ़ावा देना है। उन्होंने आगे कहा कि इसका मकसद यह भी सुनिश्चित करना है कि शहरवासियों को दिल्ली की तर्ज पर अत्याधुनिक नागरिक सुविधाएं प्रदान की जा सकें। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार इस दिशा में पहले से ही पूरी लगन से काम कर रही है और इस नेक कार्य में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली की ‘आप’ सरकार ने शहरों के व्यापक विकास को सुनिश्चित करने के साथ-साथ नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करने के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार इसी तर्ज पर शहरों का सर्वांगीण विकास करवाना चाहती है, जिसके लिए दिल्ली सरकार की विशेषज्ञता का पूरा लाभ लिया जा सकता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह साबित हो चुका है कि अरविंद केजरीवाल के दूरदर्शी नेतृत्व वाली ‘आप’ सरकार ने शहरी विकास और योजनाबद्धता के क्षेत्र में शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी विकास के संबंध में दिल्ली मॉडल पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बनकर उभरा है, इसलिए पंजाब को इससे व्यापक लाभ होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का मुख्य ध्यान शहरों की सफाई, पीने के पानी की आपूर्ति, स्ट्रीट लाइटों के साथ-साथ शहरों के सर्वांगीण विकास पर केंद्रित है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार के हर कदम का उद्देश्य आम लोगों की भलाई सुनिश्चित करना और उन्हें अत्याधुनिक नागरिक सुविधाएं प्रदान कर उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों में पड़ी गड्ढों, पेचवर्क और अन्य टूट-फूट की पहचान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई) का उपयोग करने का निर्णय लिया गया है ताकि निर्धारित समय के अंदर उपयुक्त मरम्मत सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने आगे कहा कि शहरों की सभी सड़कों पर ब्लैक स्पॉट की पहचान करने और लाइटें लगाने के लिए ए.आई. का उपयोग करने का निर्णय लिया गया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अधिकारियों को सही समय पर अलर्ट भेजने और अधिकतम तीन घंटे में स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक तकनीकों के उपयोग का भी निर्णय लिया गया।