Friday, December 27, 2024
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प्रदूषण के खिलाफ जंग में उतरेंगे बस मार्शल और सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स, दिल्ली सरकार ने बनाई योजना

सीएम आतिशी ने कहा कि प्रदूषण के खिलाफ वॉलंटियर्स और बस मार्शलों का जल्द पंजीकरण शुरू होगा। वाहनों को गलत तरीके से प्रदूषण सर्टिफिकेट न मिले, इसके लिए सभी जांच केंद्रों पर सिविल डिफेंस और बस मार्शल तैनात किए जाएंगे।

राजधानी में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सप्ताहभर के भीतर दस हजार सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स और बस मार्शलों को ग्राउंड जीरो पर तैनात किया जाएगा। इसमें करीब 1000 प्रदूषण जांच केंद्रों पर इनकी ड्यूटी लगाई जाएगी। सोमवार को मुख्यमंत्री आतिशी की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में यह योजना तैयार की गई। बैठक में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय सहित संबंधित विभागों के उच्चाधिकारी मौजूद रहे।
आतिशी ने कहा कि प्रदूषण के खिलाफ वॉलंटियर्स और बस मार्शलों का जल्द पंजीकरण शुरू होगा। वाहनों को गलत तरीके से प्रदूषण सर्टिफिकेट न मिले, इसके लिए सभी जांच केंद्रों पर सिविल डिफेंस और बस मार्शल तैनात किए जाएंगे। साथ ही ग्रैप की पाबंदियां बढ़ने के साथ दिल्ली की सीमाओं पर चेकिंग के लिए एनफोर्समेंट टीमों के साथ बस मार्शलों की भी तैनाती होगी। प्रदूषण की रोकथाम के लिए एमसीडी और डीपीसीसी एनफोर्समेंट टीमों की मदद के साथ जागरूकता अभियानों में भी इनकी तैनाती की जाएगी।
निर्माण स्थलों का निरीक्षण कर रहीं टीमें
आतिशी के मुताबिक, 13 हॉटस्पॉट और 27 अन्य ऐसे स्थान जहां प्रदूषण का स्तर बढ़ा होता है और मॉनिटरिंग की जरूरत होती है, वहां एमसीडी के डिप्टी कमिश्नरों के साथ बस मार्शलों को तैनात किया जाएगा। साथ ही एमसीडी की टीमें जो लगातार निर्माण व ध्वंस मलबा, अवैध डंपिंग, खुले में आग जलाने और डीजी सेट्स के प्रयोग आदि का निरीक्षण कर रही हैं, उनके साथ भी बस मार्शलों और सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को लगाया जाएगा। डीपीसीसी ने भी 33 टीमें बनाई हैं, जो लगातार निर्माण स्थलों पर धूल की रोकथाम का निरीक्षण कर रही हैं। साथ ही ग्रीन वार रूम में शिकायतों का समाधान हो रहा है या नहीं हो रहा, इसकी जांच में भी इनकी सहायता ली जाएगी।
आने वाले दिन प्रदूषण से भरे होंगे : गोपाल राय
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि पर्यावरण विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले दिन दिल्ली के लिए प्रदूषण से भरे होंगे। एक साथ तीन चीजें मिलकर इस समस्या को बढ़ा रही हैं। पहला, पराली का धुआं। दूसरा, पटाखों का धुआं और तीसरा त्योहारों की वजह से सड़क पर जाम की समस्या। इन तीनों वजहों से प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि सबसे बड़ी चुनौती पटाखों के धुएं की है। इसे लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखा है। कई जगहों से फीडबैक आया कि पटाखों पर बैन होने के बावजूद पुलिस की लापरवाही दिख रही है।
पंजाब में पराली जलने की घटनाएं  77% कम हुईं : पांडेय
आप विधायक दिलीप पांडेय ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सरकार को पराली के समाधान के मुद्दे पर पंजाब सरकार से सीखना चाहिए। आप ने दावा किया कि पंजाब सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के कारण पराली जलाने के मामले काफी कम हो गए हैं। दिलीप पांडे ने दावा किया कि पंजाब में 2022 में पराली जलाने के 8 हजार मामले रिकॉर्ड किए गए थे। वहीं, 2024 में अब तक सिर्फ 1866 मामले रिकॉर्ड किए गए हैं। यह आंकड़े इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट (आईएआरआई) के हैं। सोमवार को पार्टी कार्यालय में प्रेस वार्ता कर पांडे ने कहा कि यूपी और हरियाणा की सरकारें आरोप-प्रत्यारोप करने में लगी रहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि पराली जलाने के मामलों को कम करने में भाजपा की सरकारों का योगदान शून्य है।
पंजाब में पराली जलने की वजह से बढ़ रहा प्रदूषण : भाजपा
प्रदेश भाजपा ने कहा कि पंजाब में पराली जलने की वजह से दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। इसे लेकर भाजपा का प्रतिनिधिमंडल पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को एक ज्ञापन सौंपने उनके निवास स्थान कपूरथला हाऊस सोमवार को पहुंचा। मुलाकात नहीं होने पर ज्ञापन पंजाब सरकार के रेजिडेंट कमिश्नर कार्यालय को सौंप कर वापस आ गया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि पंजाब में पराली जलने की घटनाएं बढ़ी हैं। इस कारण दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत में प्रदूषण बहुत तेजी से बढ़ रहा है। विधानसभा नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा की दिल्ली सरकार संवेदनहीन है, खेदपूर्ण है की सरकार प्रदूषण जैसे गम्भीर विषय पर भी चर्चा नही करती और आज पंजाब के मुख्यमंत्री ने भी मिलने से मना कर के दिखा दिया की आप प्रदूषण पर बिल्कुल गंभीर नही है।
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