मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा शहरों के योजनाबद्ध विकास के लिए सभी बाधाएं दूर की जा रही हैं। प्रदेशवासियों को पारदर्शी, निर्बाध, भ्रष्टाचार मुक्त और सुविधाजनक सेवाएं प्रदान करने की प्रतिबद्धता के तहत, रियल एस्टेट से संबंधित क्लीयरेंस सर्टिफिकेट देने के लिए आज दूसरा विशेष कैंप आयोजित किया गया। इस कैंप के दौरान मकान निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां और मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा ने 127 प्रमोटरों/बिल्डरों को क्लीयरेंस सर्टिफिकेट प्रदान किए।
स. मुंडियां ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य में निवेश के अवसर बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। इसी क्रम में प्रमोटरों/डेवलपर्स के कार्यों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा करते हुए यह दूसरा कैंप लगाया गया। इससे पहले, 16 अक्टूबर को आयोजित पहले कैंप में 51 सर्टिफिकेट जारी किए गए थे। इसी कड़ी के अंतर्गत आज दूसरे कैंप में कॉलोनियों के लाइसेंस, कंप्लीशन सर्टिफिकेट, आंशिक कंप्लीशन सर्टिफिकेट, लेटर ऑफ इंटेंट, जोनिंग प्लान, बिल्डिंग प्लान, प्रमोटर रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और लेआउट प्लान सहित 127 सर्टिफिकेट वितरित किए गए। भविष्य में भी ऐसे कैंप आयोजित किए जाएंगे।
मकान निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री ने कहा कि विभाग प्रमोटरों/डेवलपर्स के कार्यों को प्राथमिकता और पारदर्शिता के साथ निपटाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए ईमेल transparency.hud@gmail.com भी शुरू किया गया है, जहां प्रमोटर/डेवलपर अपनी समस्याओं के बारे में जानकारी भेज सकते हैं। इन मामलों का निपटान प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है।
स. मुंडियां ने यह भी कहा कि प्रमोटरों/डेवलपर्स को सरकार कोई समस्या नहीं आने देगी और उनसे यह अपेक्षा की जाती है कि वे सरकार का सहयोग करते हुए विकसित की जा रही परियोजनाओं में निवासियों को अधिकतम और उच्च स्तरीय सुविधाएं प्रदान करें। साथ ही, यह सुनिश्चित करें कि शहरवासियों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। विभिन्न विकास प्राधिकरणों में रिसेप्शन/सिंगल विंडो पर आम जनता की सुविधा के लिए उच्च स्तरीय व्यवस्थाएं, जैसे पानी की व्यवस्था, बैठने के लिए उपयुक्त स्थान, सोफे, कुर्सियां और सेवाओं के लिए टोकन प्रणाली लागू की जा रही है।
स. मुंडियां ने आगे बताया कि उनके विभाग द्वारा हाल ही में आयोजित दो ई-नीलामियों को पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न किया गया है, जिससे विभाग को लगभग 5000 करोड़ रुपए की आय हुई है। यह धनराशि शहरों के विकास कार्यों पर खर्च की जाएगी। विभाग ने अब तक 639 करोड़ रुपए की लागत से विभिन्न शहरों में विकास कार्य पूरे कर लिए हैं और 283 करोड़ रुपए के नए कार्य शुरू किए जा रहे हैं।
इससे पहले मुख्य सचिव श्री के.ए.पी. सिन्हा ने कहा कि पारदर्शी और सुविधाजनक नागरिक सेवाएं प्रदान करना सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है। राज्य सरकार लंबित कार्यों को लेकर बेहद गंभीर है। यही कारण है कि आज यह कैंप आयोजित कर रियल एस्टेट से जुड़े लोगों के लंबित कार्य पूरे कर मौके पर ही प्रमाणपत्र प्रदान किए जा रहे हैं। सरकार का यह कदम न केवल नागरिकों की भलाई करेगा, बल्कि शहरों के विकास और राज्य के आर्थिक उत्थान में भी योगदान देगा। सरकार की यह पहल आगे भी जारी रहेगी और अन्य विभागों से जुड़े कार्यों की लंबित समस्याओं को दूर करने के लिए भी ऐसे कैंप आयोजित किए जाएंगे।
मकान निर्माण एवं शहरी विकास सचिव राहुल तिवारी ने कहा कि विभाग द्वारा आवंटियों को विभिन्न ऑनलाइन सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। इन सेवाओं को पहली बार ज़ीरो पेंडेंसी के साथ लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रमोटर/डेवलपर शहरी विकास की एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं और अब उन्हें अपने कार्यों के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।
गमाडा के सीईओ श्री मोनीश कुमार ने मुख्य अतिथि, विशेष अतिथि, विकास प्राधिकरणों के अधिकारियों और प्रमोटरों व बिल्डरों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर विभाग के विशेष सचिव अपनीत रियात, बीडीए और पीडीए की सीईओ मनीषा राणा, एडीए और जेडीए के सीईओ अंकुरजीत सिंह, गलाडा के सीईओ हरप्रीत सिंह, पुडा के सीईओ इनायत और रियल एस्टेट कन्फेडरेशन के प्रतिनिधि जगजीत सिंह उपस्थित थे।