ऐसी ही एक अजीबोगरीब सच्चाई राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को मिली है। दिल्ली आर्द्र भूमि प्राधिकरण ने अदालत के सामने दिल्ली के जल निकायों से जुड़ी जमीनी पड़ताल पर आधारित एक रिपोर्ट सौंपी है।
दिल्ली में सैटेलाइट तस्वीरों से देखने पर 322 जगहों पर जल निकाय दिखते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत में केवल 43 जल निकाय मौजूद हैं। ऐसी ही एक अजीबोगरीब सच्चाई राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को मिली है। दिल्ली आर्द्र भूमि प्राधिकरण ने अदालत के सामने दिल्ली के जल निकायों से जुड़ी जमीनी पड़ताल पर आधारित एक रिपोर्ट सौंपी है।
यह रिपोर्ट भू-स्थानिक दिल्ली लिमिटेड (जीएसडीएल) की सैटेलाइट इमेज के आधार पर तैयार की गई है। इसमें दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने अदालत से जीएसडीएल की तरफ से 322 जल निकायों और जमीनी स्तर पर इसकी स्थिति को लेकर पूरी रिपोर्ट पेश करने के लिए समय देने की मांग की। दिल्ली सरकार के अनुसार, दिल्ली में झील, तालाब और जोहड़ (रिसाव तालाब) समेत 1,367 जल निकाय हैं। यह संख्या सैटेलाइट इमेजरी पर आधारित है। दूसरी ओर राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज 1,045 से अधिक जल निकाय है।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने दलीलों पर गौर करने के बाद डीपीसीसी समेत अन्य विभागों को मामले में चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। साथ ही, अगली सुनवाई 8 अप्रैल 2025 के लिए टाल दी। पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए सेंथिल वेल भी शामिल थे। अधिकरण ने पक्षों के वकीलों को यह भी पता लगाने और सूचित करने का निर्देश दिया कि क्या उपरोक्त रिट याचिका अभी भी उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है। साथ ही, क्या मौजूदा समय में भी हाईकोर्ट दिल्ली में जल निकायों के संरक्षण, संरक्षण और कायाकल्प के मुद्दे की जांच कर रहा है।
अधिकरण ने कहा, 10 दिसंबर 2024 को सीपीसीबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि विषय वस्तु स्थानीय निकायों और राज्य विशिष्ट एजेंसियों जैसे डीपीसीसी, दिल्ली वेटलैंड अथॉरिटी और जीएसडीएल के अधिकार क्षेत्र में आती है, जबकि जल अधिनियम 1974 के तहत सीपीसीबी की भूमिका जल निकायों की पवित्रता को बहाल करना और बनाए रखना है। मामले में एनजीटी ने एक मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया था। पिछले आदेश में अदालत ने दिल्ली सरकार को शेष 1023 जल निकायों की भू-सत्यापन के लिए जियो-टैगिंग और जियो-रेफरेंसिंग का कार्य 15 मई 2024 तक पूरा करने का आदेश दिया था। साथ ही, कई अन्य कार्य करने के निर्देश दिए थे।
जिला——सूचीबद्ध जल निकाय–सेटेलाइट इमेज—जमीनी पड़ताल
- पूर्वी————–46——————————4—————-(0)
- उत्तर-पूर्वी——-32—————————–15—————-(0)
- शाहदरा——–28——————————09—————-01
- उत्तरी———196——————————-79————–(0)
- उत्तर-पश्चिमी—135—————————–32—————-04
- दक्षिण——–135——————————–55————–14
- दक्षिण-पूर्वी—–50——————————–17————–04
- दक्षिण-पश्चिमी–274——————————56—————07
- पश्चिम——–64——————————— 22—————03
- नई दिल्ली——62——————————-12—————03
- मध्य———-23———————————-21—————07
- कुल———1045—————————–322—————43
(नोट : दिल्ली आर्द्रभूमि प्राधिकरण की एनजीटी में दायर रिपोर्ट के अनुसार)