वर्ष 2015 में इस सीट पर मुकाबला राजेश ऋषि बनाम प्रो जगदीश मुखी था। राजेश ऋषि को 57.72 प्रतिशत मिले, जबकि प्रो जगदीश मुखी को 37.15 प्रतिशत मिले। लेकिन इसके अगली बार जब 2020 में विधानसभा चुनाव हुए तो बाजी आप के हाथ लगी लेकिन इसे मिला मत प्रतिशत पिछली बार के मुकाबले कम हो गया। राजेश ऋषि को 54.43 प्रतिशत मत मिले।
वहीं इनके प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार भाजपा के आशीष सूद को 42.48 प्रतिशत मत मिला। यानि भाजपा ने इस सीट पर मत प्रतिशत बढ़ाए।
कांग्रेस के हाथ कभी नहीं लगी यह सीट, ससुर तो ससुर दामाद भी हारे
जनकपुरी सीट पर कांग्रेस का कोई भी उम्मीदवार अभी तक जीत नहीं दर्ज कर पाया। पिछली बार यानी 2020 में इस सीट से राधिका खेड़ा को कांग्रेस ने उतारा, लेकिन वे करीब दो हजार वोट ही पा सकी और तीसरे स्थान पर रही। वर्ष 2015 में इस सीट पर सुरेश कुमार को को उम्मीदवार बनाया गया। सुरेश प्रो जगदीश मुखी के दामाद हैं। लेकिन इस चुनाव में राजेश ऋषि ने प्रो जगदीश मुखी को सीधे मुकाबले में हराया। तीसरे स्थान पर सुरेश रहे। यानि राजेश ऋषि ने ससुर व दामाद दोनों को शिकस्त दी।
इसके पूर्व यानि वर्ष 2013 में कांग्रेस की ओर से रागिनी नायक मैदान में थी, लेकिन उन्हें भी हार का मुंह ही देखना पड़ा। जनकपुरी विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यह सीट मूल रूप से दो हिस्सों में बंटा है। पंखा रोड इस सीट को दो हिस्से में विभाजित करती है। पंखा रोड के एक तरफ जनकपुरी विधानसभा क्षेत्र का अधिकांश इलाका पूरी तरह नियोजित है।
वहीं दूसरी ओर का अधिकांश क्षेत्र अनियोजित है और घनी आबादी वाला है। निगम सीटों की बात करें तो इसके अंतर्गत तीन वार्ड जनकपुरी साउथ, जनकपुरी वेस्ट और महावीर एंक्लेव आता है। इनमें दो वार्डों के पार्षद भाजपा के तो एक वार्ड से आप का पार्षद है।