सदन में भाजपा और कांग्रेस के पार्षदों ने जमकर हंगामा और नारेबाजी की। भाजपा व आप पार्षदों के बीच नोकझोंक और धक्का-मुक्की भी हुई। इस दौरान आप पार्षद ऊषा शर्मा के हाथ में चोट भी लग गई।
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) का बजट बुधवार को हंगामे के बीच पास हो गया। सदन में भाजपा और कांग्रेस के पार्षदों ने जमकर हंगामा और नारेबाजी की। भाजपा व आप पार्षदों के बीच नोकझोंक और धक्का-मुक्की भी हुई। इस दौरान आप पार्षद ऊषा शर्मा के हाथ में चोट भी लग गई। वहीं, भाजपा पार्षदों ने बजट की औपचारिकता पूरी करने से रोकने के लिए पूरा प्रयास किया, लेकिन आप पार्षदों ने उन्हें नेता सदन मुकेश गोयल के पास पहुंचने नहीं दिया। इस तरह गोयल ने पार्टी पार्षदों के घेरे में प्रस्ताव पास किए, लेकिन वे बजट भाषण नहीं पढ़ सके।
सदन की बैठक शुरू होते ही कांग्रेस पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद भाजपा पार्षद भी हंगामा करने लगे। बजट भाषण व प्रस्तावों की प्रति फाड़ने की आशंका के कारण आप पार्षदों ने मुकेश गोयल को घेरे में ले लिया। इसके बाद भाजपा पार्षदों के हंगामे के कारण गोयल अपनी सीट छोड़कर बेंच लांघते हुए पार्टी पार्षदों की सीटों के बीच जाकर बजट भाषण पढ़ने व प्रस्ताव पास करने की औपचारिकता करने लगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि बजट भाषण पढ़ा हुआ माना जाए। हालांकि, उन्होंने सभी प्रस्तावों को पास व रद्द करने के संबंध में सदन को अवगत कराया।
नेता सदन ने भाजपा के 23 में से 6 और आप के 8 में से 6 प्रस्तावों को मंजूरी दी। इस तरह उन्होंने अपने पार्षदों के दो प्रस्तावों को खारिज कर दिया। नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल सिंह ने आरोप लगाया कि मेयर ने सदन में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का उल्लंघन किया और जबरन बजट पास करवाया। वहीं, आप पार्षदों ने भाजपा पर सदन की कार्यवाही बाधित करने और अलोकतांत्रिक व्यवहार करने का आरोप लगाया।
बजट में पास किए प्रमुख संकल्प व प्रस्ताव
- स्थायी करने की प्रक्रिया : एमसीडी में कार्यरत 12,000 दैनिक वेतनभोगी एवं संविदा कर्मचारियों को स्थायी किया जाए।
- संपत्ति टैक्स में छूट : छोटे करदाताओं के लिए पिछले बकाया को माफ कर केवल एक वर्ष का टैक्स लिया जाए। 100 वर्ग गज तक की संपत्तियों पर वर्ष 2025-26 के लिए टैक्स माफ व 100-500 वर्ग गज की संपत्तियों पर 50 प्रतिशत की छूट दी जाए।
- वित्तीय स्थिति और राजस्व सुधार : एमसीडी की दुकानों के मासिक लाइसेंस शुल्क का भुगतान ऑनलाइन पोर्टल से हो और दुकानों को फ्री-होल्ड करने की प्रक्रिया तेज करने करने के लिए नीति बनाई जाए।
- लोन कटौती रोकने की मांग : आप सरकार ने एमसीडी के लोन की कटौती नहीं की थी, वर्तमान भाजपा सरकार से भी ऐसा न करने का अनुरोध।
- केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता की मांग : एमसीडी को प्रति व्यक्ति 588 रुपये के हिसाब से केंद्र सरकार से सहायता नहीं मिल रही। नेता विपक्ष से सहायता दिलाने में सहयोग करने का अनुरोध किया।
- कोई नया टैक्स नहीं : एमसीडी जनता पर कोई नया टैक्स लगाने या मौजूदा दरें बढ़ाने का विचार नहीं करेगी।
- पार्षद निधि में वृद्धि : 75 लाख रुपये बढ़ाकर एक करोड़ 55 लाख रुपये की।
- पदों की संख्या बरकरार रखने की मांग : एमसीडी एकीकरण के बाद कर्मचारियों की संख्या में की गई कटौती को वापस लिया जाए और कार्यभार संतुलित करने के लिए पूर्व की तरह पदों की संख्या बहाल की जाए।
कई मदों में राशि कम और बढ़ाई
- स्कूल भवनों के रखरखाव व मरम्मत के लिए दो करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की। सेवानिवृत कर्मचारियों के लिए पांच करोड़ की वृद्धि की।
- छठ पूजा व अन्य त्योहारों के लिए सुविधा प्रदान करने के लिए 50 लाख रुपये बढ़ाए। स्ट्रीट व हाई मास्ट लाइटें के लिए एक करोड़ रुपयेे की बढ़ोतरी।
- ट्यूबवेलों के रखरखाव के लिए 50 लाख रुपये की वृद्धि की। महिला शौचालय की मद में 25 लाख की बढ़ोतरी की।
- सड़कों के व्यापक संचलन एवं रखरखाव मद से 200 करोड़ रुपये की कमी कर पार्षदों की मद में स्थानांतरित की।
- सफाई सेवाओं में सुधार मद में एक लाख रुपये की कमी कर राशि सदन के नेता की व्यय मद में स्थानांतरित की।
- सफाई सेवाओं में सुधार मद में तीन लाख रुपये की कमी कर राशि विपक्ष के नेता व विपक्ष की दूसरी बड़ी पार्टी की व्यय मद में स्थानांतरित की।
- अनुरक्षण कार्यों के मद में 11 करोड़ रुपये की कमी कर राशि सामुदायिक केंद्र मद में शामिल की गई।
- सहायता निधि का व्यय : मेयर मद में 500 करोड़ रुपये की कमी कर राशि दैनिक वेतनभोगी व अनुबंध कर्मचारियों के नियमितीकरण की नए मद में स्थानांतरित की गई।