Friday, April 11, 2025
Google search engine
Homeदेश'बड़ी संख्या में पेड़ों को काटना इंसानों की हत्या से भी बदतर',...

‘बड़ी संख्या में पेड़ों को काटना इंसानों की हत्या से भी बदतर’, सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्प्णी

सुप्रीम कोर्ट ने पेड़ों की बेतरतीब कटाई को लेकर अहम और तल्ख टिप्प्णी की है। शीर्ष अदालत ने केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए पेड़ काटने के लिए प्रति पेड़ एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया है।

शीर्ष अदालत ने कहा है कि बड़ी संख्या में पेड़ों को काटना इंसानों की हत्या से भी बदतर है। साथ ही कोर्ट ने अवैध रूप से काटे गए प्रत्येक पेड़ के लिए एक व्यक्ति पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने ताज ट्रेपेजियम जोन में 454 पेड़ों को काटने वाले एक व्यक्ति की याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की।

पीठ ने कहा, ‘पर्यावरण के मामले में कोई दया नहीं होनी चाहिए। बड़ी संख्या में पेड़ों को काटना इंसानों की हत्या से भी बदतर है।’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिना अनुमति के काटे गए 454 पेड़ों से बने हरित क्षेत्र को फिर से बनाने या पुनर्जीवित करने में कम से कम 100 साल लगेंगे।

मथुरा में काटे गए थे 450 पेड़, अब 4.54 करोड़ जुर्माना
ताज ट्रेपेजियम जोन में बिना अनुमति पेड़ काटने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा के डालमिया बाग के मालिकों पर 4.54 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। हर पेड़ पर एक लाख रुपये का जुर्माना देना होगा। डालमिया बाग में कुल 454 पेड़ काटे गए थे। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में अदालत ने भूमि मालिक को डालमिया बाग के एक किमी दायरे में 9080 पेड़ लगाने के लिए जमीन देने का आदेश दिया है। पेड़ लगाने के बाद उन्हें देखरेख के लिए वन विभाग को देखभाल के लिए पैसे भी जमा करने होंगे।

हर पेड़ पर एक लाख रुपये का जुर्माना देने का आदेश
पीठ ने ताज ट्रेपेजियम जोन में पेड़ काटने पर बेहद सख्त रवैया अपनाया। कोर्ट ने सेंट्रल इम्पावर्ड कमेटी की सिफारिशों को मंजूर करते हुए डालमिया बाग मामले में हर पेड़ पर एक लाख रुपये का जुर्माना देने का आदेश दिया।

गलती स्वीकारी, फिर भी जुर्माना कम करने से इनकार
शीर्ष अदालत ने केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया, जिसमें शिव शंकर अग्रवाल नामक व्यक्ति द्वारा मथुरा-वृंदावन में डालमिया फार्म में 454 पेड़ काटने के लिए प्रति पेड़ एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश की गई थी। अग्रवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि उन्होंने गलती स्वीकार कर ली है, लेकिन अदालत ने जुर्माना राशि कम करने से इनकार कर दिया।

अवमानना याचिका का अनुपालन होने के बाद ही निपटारा
कोर्ट ने कहा कि अग्रवाल को पास की जगह पर पेड़ लगाने की अनुमति दी जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ दायर अवमानना याचिका का अनुपालन होने के बाद ही निपटारा किया जाएगा। शीर्ष अदालत ने अपने 2019 के आदेश को भी वापस ले लिया, जिसमें ताज ट्रेपेजियम जोन के भीतर गैर-वन और निजी भूमि पर पेड़ों को काटने के लिए पूर्व अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता को हटा दिया गया था।

Partners: https://fr-casinozer.com/ https://lemoncasinode.com/ https://lemoncasino77.com/ winnerz lemon casino unique casino lemon casino https://smokace-de.com/ nine casino https://fr-uniquecasino.com/
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments