Shamli News : शामली से पकड़े तहसीम ने एसटीएफ की पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उसने बताया कि अमृतसर जेल में बंद रहने के दौरान वह कैराना के सात साल से जेल में बंद शाहिद के संपर्क में आ गया था। शाहिद जेल से निकलने के बाद पाकिस्तान फरार हो गया था।
पाकिस्तान के लाहौर और अन्य शहरों में बैठे आईएसआई हैंडलर और एजेंट भारत के एजेंटों को कश्मीर में अत्याधुनिक पिस्टल तो नई दिल्ली और पंजाब के अमृतसर में नकली नोटों की खेप पहुंचा रहे हैं। हर दो से तीन माह के अंतराल में नकली नोटों की खेप भेजी जा रही है।
आरोपी तहसीम ने एसटीएफ की पूछताछ में बताया कि अमृतसर जेल में बंद रहने के दौरान वह कैराना के सात साल से जेल में बंद शाहिद के संपर्क में आ गया था। शाहिद जेल से निकलने के बाद पाकिस्तान फरार हो गया था। इसके बाद शाहिद ने पाकिस्तान में जाकर आईएसआई एजेंटों के संपर्क में रहकर भारत में ड्रग सप्लाई करनी शुरू कर दी थी।
वर्ष 2002 में मैं पाकिस्तान के काेटादू में अपने पिता की बुआ के यहां पर गया था। पहले तो उसकी मुलाकात पान, कत्था बेचने वाले युवक से हुई। इसके बाद ड्राई फ्रूट्स की दुकान करने वाले केसर से हुई। इसके बाद उनकी मुलाकात आईएसआई एजेंट इकबाल काना और दिलशाद मिर्जा से कराई गई थी। लाहौर में हमीदा के यहां पर भी 15 दिन रहा।
पाकिस्तान से लौटने के बाद इकबाला काना और केसर नकली नोट की करेंसी भेजते थे। करेंसी दिल्ली और अमृतसर में भेजी जाती थी। वर्ष 2002 से दो से तीन माह के अंतराल में करेंसी भेजी जाती थी। इसमें दो से लेकर सात लाख की करेंसी होती थी। करेंसी भेजने वाले भी अलग अलग गुर्गे सेंट थे, जो कहते ही दिल्ली और अमृतसर से करेंसी उपलब्ध करा देते थे। बताया कि भेजने से पहले व्हाट्सएप पर नकली नोट दिखाए भी जाते हैं।