लोकप्रिय पंजाबी अभिनेता निर्मल ऋषि और प्राण सभरवाल को केंद्र सरकार ने चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित करने का फैसला लिया है। निर्मल ऋषि का जन्म 1943 में मनसा जिले के खिवा कलां गांव में हुआ था। वहीं प्राण सभरवाल का जन्म जालंधर जिले में हुआ था।
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवार को पद्म पुरस्कारों का एलान कर दिया गया है। इस साल 110 विभूतियों को पद्मश्री दिया जाएगा। इनमें पंजाब के दो व हरियाणा के चार लोग शामिल हैं। पंजाब की निर्मल ऋषि और प्राण सभरवाल को कला के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया है। वहीं, हरियाणा के महाबीर सिंह गुड्डू को आर्ट, राम चंद्र सिहाग को साइंस और इंजीनियरिंग, गुरविंदर सिंह को सोशल वर्क व हरि ओम को साइंस और इंजीनियरिंग क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य करने के लिए चयनित किया गया है।
निर्मल ऋषि को गुलाबो मौसी किरदार से मिली थी पहचान
निर्मल ऋषि पंजाबी फिल्म व टेलीविजन अभिनेत्री हैं। उन्हें उनकी पहली फिल्म लॉन्ग दा लिश्कारा (1983) में गुलाबो मासी की भूमिका के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता है। उनका जन्म 1943 में मनसा जिले के खिवा कलां गांव में हुआ था। उनके पिता बलदेव कृष्ण ऋषि और माता का नाम बचनी देवी था। स्कूल के दिनों से ही उन्हें थिएटर का बहुत शौक था। उन्होंने शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षक बनना चुना और शारीरिक शिक्षा के लिए सरकारी कॉलेज पटियाला में दाखिला लिया। उन्होंने 60 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। निक्का जैलदार और द ग्रेट सरदार जैसी पंजाबी फिल्मों से भी खूब चर्चा में आईं।
प्राण ने रामलीला देख शुरू किया था अभिनय
प्राण सभरवाल पंजाब के एक अनुभवी अभिनेता और प्रसिद्ध थिएटर कलाकार हैं। उनका जन्म वर्ष 1930 में जालंधर में हुआ था और जब वह केवल नौ वर्ष के थे, तब उन्हें अभिनय में रुचि हो गई। वह अपने चाचा और पिता के साथ जालंधर में रामलीला देखने जाते थे और तुरंत ही उन्हें थिएटर में राम के अभिनय की कला से प्यार हो गया।
अभिनय के प्रति उनका प्रेम तब और गहरा हो गया जब उनकी मुलाकात दिग्गज बॉलीवुड अभिनेता से हुई पृथ्वीराज कपूर 1952 में जब वह एक अभिनय के लिए जालंधर आए। फिल्म इंडस्ट्री में प्राण ने अपना डेब्यू सरदारा करतारा नाम की फिल्म से किया था, जो 1980 में रिलीज हुई थी। सितंबर 2022 में, प्राण सभरवाल को रॉयल पटियाला कल्चरल एंड वेलफेयर सोसाइटी ने कालिदास ऑडिटोरियम एनजेडसीसी में गुरु शीर्ष पुरस्कार से भी सम्मानित किया था।