Friday, December 27, 2024
Google search engine
Homeदेशबैक्टीरिया की डीएनए जांच बताएगी कैसे बिगड़ा खाने का स्वाद, दिल्ली में...

बैक्टीरिया की डीएनए जांच बताएगी कैसे बिगड़ा खाने का स्वाद, दिल्ली में पहली बार शुरू होगी सुविधा

अक्सर खाद्य पदार्थ के खराब होने के पीछे बैक्टीरिया होते हैं, लेकिन इसकी सटीक जानकारी नहीं मिल पाती। साथ ही यह भी पता नहीं चल पाता कि उक्त बैक्टीरिया शरीर को कितना नुकसान पहुंचाएगा। इसके दुष्प्रभाव से कैसे बचा जा सकता है। इसका पता लगाने के लिए दिल्ली में पहली बार बैक्टीरिया की डीएनए जांच की सुविधा शुरू होगी।

DNA test of bacteria will tell how the taste of food gets spoiled

खाने का बिगड़े स्वाद का सटीक कारण बैक्टीरिया की डीएनए जांच से पता लग पाएगा। अक्सर खाद्य पदार्थ के खराब होने के पीछे बैक्टीरिया होते हैं, लेकिन इसकी सटीक जानकारी नहीं मिल पाती। साथ ही यह भी पता नहीं चल पाता कि उक्त बैक्टीरिया शरीर को कितना नुकसान पहुंचाएगा। इसके दुष्प्रभाव से कैसे बचा जा सकता है। इसका पता लगाने के लिए दिल्ली में पहली बार बैक्टीरिया की डीएनए जांच की सुविधा शुरू होगी।

लारेंस रोड स्थित खाद्य सुरक्षा विभाग के अत्याधुनिक माइक्रोबायोलाजी फूड टेस्टिंग लैब में अलग से डीएनए जांच की सुविधा विकसित की जा रही है। आने वाले दिनों में जांच से बैक्टीरिया में बदलाव और उसके प्रभाव का पता चल सकेगा।

लैब के डॉक्टरों की माने तो बैक्टीरिया के समुदाय में बदलाव होता रहता है। इसमें से कई हमारे प्रकृति के अनुकूल होते हैं, जबकि कई प्रकृति के विपरित। विपरीत प्रकृति वाले बैक्टीरिया का फैलाव बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचा सकता है । ऐसे में डीएनए जांच से सूक्ष्म जीवों की पहचान आसान होगी। वैज्ञानिक आधार पर किए जाने वाले परीक्षण के दौरान डीएनए प्रवर्धन किया जाएगा। इनकी मदद से बैक्टीरिया की प्रजाति, उसके किंगडम व फैमिली का पता लगा सकेंगे। साथ ही जांच के दौरान यदि मौजूदा समुदाय से उक्त बैक्टीरिया मेल नहीं खाता तो उसकी मौलिकता का पता लगाने के लिए दूसरे देश-प्रदेश की लैब में मौजूद बैक्टीरिया से मिलान भी करवाया जाएगा।

इनकी होगी जांच 
लैब में जांच के लिए आने वाले दूषित व खराब खाने की सामान्य जांच में कई बार कुछ नहीं मिल पाता। खाना खराब होने का कारण पता नहीं चल पाता। लक्षण कुछ अलग दिखते हैं। ऐसे में उसकी डीएनए जांच इसे आसान बना सकता है। ऐसे भोजन शरीर को बीमार बना सकते हैं। ऐसे खाने की पहचान के लिए डीएनए जांच की जरूरत होती है। डॉक्टरों की माने तो कई बार बड़े स्तर पर  नुकसान पहुंचाने के लिए बैक्टीरिया से हमले करवाए जाते हैं। इनकी पहचान कर इसे रोका जा सकता है।

खाद्य वस्तुओं में फंगस और बैक्टीरिया की पहचान होगी आसान 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑनलाइन माध्यम से दिल्ली में पहली माइक्रोबायोलाजी फूड टेस्टिंग लैब का उद्घाटन किया। इस लैब के शुरू होने के बाद खाने के वस्तुओं की बारीकी से जांच हो सकेंगी। इस लैब को फंगस व बैक्टीरिया जांच के लिए अपग्रेड किया गया है। अभी तक यहां खाद्य वस्तुओं में मिलावट की जांच के लिए केमिकल लैब मौजूद थी। नई सुविधा शुरू होने के बाद बैक्टीरिया के अति सूक्ष्म रूप की पहचान भी आसानी से हो सकेगी। लारेंस रोड औद्योगिक क्षेत्र में शुरू हुए अत्याधुनिक माइक्रोबायोलाजी फूड टेस्टिंग लैब की मदद से खाद्य वस्तुओं की गुणवत्ता निगरानी बेहतर होगी।

दो साल में बनकर तैयार होगा मेडिकल कॉलेज 
डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल से संबंधित अटल बिहारी वाजपेयी आयुर्विज्ञान संस्थान के लिए समर्पित भवन निर्माण कार्य शुरू होने के दो साल में बनकर तैयार होगा। इस मेडिकल कॉलेज के भवन के लिए रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑनलाइन माध्यम से आधारशिला रखी। मौजूदा समय में यहां 100 सीट हैं और 500 छात्र एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। आधारशिला रखने के बाद अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शुक्ला ने कहा कि निर्माण कार्य शुरू होने के बाद दो साल में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रधानमंत्री द्वारा आधारशिला रखने के बाद केंद्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने भवन के मॉडल का निरीक्षण किया।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments