एक अध्ययन में खुलासा हुआ है मोटापा अन्य रोगों को बढ़ाता है बल्कि मौत का कारण भी बनता है। डॉ. राममनोहर लोहिया अस्पताल में मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. पुलिन गुप्ता ने बताया कि गैर-अल्कोहलिक वसायुक्त यकृत रोग (एनएएफएलडी) को लेकर एक अध्ययन किया गया।
महज पांच फीसदी वजन घटाकर दिल और लिवर के रोग को 15 फीसदी तक कम किया जा सकता है। यह तथ्य मोटापे के प्रबंधन को लेकर हुए एक अध्ययन में सामने आया है। इसमें दावा किया गया है कि मोटापा न केवल दूसरे रोगों को बढ़ता है, बल्कि ध्यान नहीं देने से मरीज की मौत तक हो सकती है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि पश्चिमी देशों के मुकाबले भारतीय लोगों में आर्कोपेनिक मोटापा होने की आशंका ज्यादा रहती है। इसमें हाथ-पैर की मांसपेशियों की जगह कमर पर वसा तेजी से बढ़ता है। ऐसे लोगों में समय के साथ मधुमेह, रक्तचाप सहित मेटाबॉलिक सिंड्रोम भी बढ़ने लगते हैं। एक समय के बाद इन लोगों में गंभीर समस्याएं होती हैं। डॉ. राममनोहर लोहिया अस्पताल में मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. पुलिन गुप्ता ने बताया कि गैर-अल्कोहलिक वसायुक्त यकृत रोग (एनएएफएलडी) को लेकर एक अध्ययन किया गया।
इस अध्ययन में 50 से 30 साल के 55 लोगों को शामिल किया गया। इसमें 12 पुरुष और 43 महिलाएं थी। 37 (67%) में अल्ट्रासोनोग्राफिक रूप से सामान्य यकृत आकृति विज्ञान का दस्तावेजीकरण, जबकि शेष 18 (33 फीसदी) में एनएएफएलडी दर्ज किया गया।
उन्होंने कहा कि देश में 60 फीसदी लोगों में मोटापे के लक्षण दिख रहे हैं। पहले शहरी क्षेत्र में यह समस्या ज्यादा थी, लेकिन अब यह ग्रामीण क्षेत्रों में भी पैर पसारने लगी है। ऐसे लोगों में वजन कम करके समस्या को कम किया जा सकता है। मोटापे के कारण शरीर में दूसरी तरह की दिक्कतें बढ़ सकती हैं। यह महज एक रोग नहीं बल्कि एक सिंड्रोम है। इसके कारण मरीज की मौत तक हो सकती है।
मोटे लोगों की अक्सर नींद पूरी नहीं होती। डॉक्टरों का कहना है कि मोटे लोगों में अक्सर खर्राटे लेने की बीमारी होती है। खर्राटे के कारण व्यक्ति अपनी नींद पूरी नहीं कर पाता। इसके अलावा इनमें चिंता और तनाव की समस्या भी ज्यादा रहती है। मोटापे के कारण ऐसे मरीजों में दिल का दौरा और लिवर की समस्या होने की आशंका दो से तीन गुना तक बढ़ जाती है।
30 मिनट का टहलना पर्याप्त
डॉक्टरों का कहना है कि यदि रोजाना 30 मिनट टहलते हैं तो पर्याप्त है। शरीर के लिए दिन में 30 मिनट और सप्ताह में पांच दिन टहलना जरूरी है। जिम करना जरूरी नहीं है। किसी भी तरह का व्यायाम करें। लेकिन जरूर करें। शरीर की मांग के अनुसार जरूर करें। इसके अलावा डॉक्टरों की सलाह पर भोजन लें।
बीएमआई 23 तो करवाएं मधुमेह की जांच
डॉक्टरों का कहना है कि भारतीय लोगों में यदि बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 23 से ज्यादा तो मधुमेह की जांच करवानी चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक यदि किसी का बीएमआई 25 से ज्यादा तो उसका वजन ज्यादा है। यदि 30 से ज्यादा है तो मोटापा माना जाता है। लेकिन भारतीय जेनेटिक में यह लागू नहीं होता। भारतीय लोगों का वजन कम होगा लेकिन बीएमआई ज्यादा होगा। भारतीय में यदि बीएमआई 24 तो 25 फीसदी लोगों में मधुमेह, 25 फीसदी ज्यादा फैटी लिवर के अलावा दिल, किडनी, लिवर सहित अन्य की रोग होने की आशंका रहती है।
शराब से ज्यादा मोटापे से लिवर पर असर
अक्सर यह माना जाता है कि लिवर खराब होने का सबसे बड़ा कारण शराब या हेपेटाइटिस है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि देश में शराब या हेपेटाइटिस से ज्यादा मोटापे के कारण लोगों का लिवर खराब हो रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि मोटे लोगों में फैटी लिवर होता है। यह धीरे-धीरे लिवर से जुड़े रोग को बढ़ा देता है। इसपर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है।