पंजाब विधान सभा के स्पीकर स. कुलतार सिंह संधवां ने पंजाबी कवि और प्रसिद्ध लेखक पद्म श्री स. सुरजीत सिंह पातर के देहांत पर गहरा दुख व्यक्त किया है, जिनका 11 मई को सुबह लुधियाना के आशापुरी इलाके में उनके घर में देहांत हो गया है।
यहाँ से जारी प्रैस बयान में स्पीकर स. कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि स. पातर ने पंजाबी भाषा के प्रचार को विश्व भर में फैलाने में अहम योगदान दिया है। उनकी महत्वपूर्ण उपलब्धियों में पंजाबी भाषा में लिखने के काम के लिए पद्म श्री और साहित्य अकादमी अवॉर्ड जैसे शीर्ष सम्मान प्राप्त करना शामिल है।
उन्होंने कहा कि स. पातर जालंधर के गाँव पातड़ कलां के रहने वाले थे, और पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी से पंजाबी के प्रोफ़ैसर के रूप में सेवामुक्त हुए थे। उन्होंने 2012 में पद्म श्री प्राप्त किया और पंजाब कला परिषद के प्रधान के रूप में सेवा की।
स. संधवां ने कहा कि स. पातर की जुदाई पंजाबी भाईचारो के लिए बहुत बड़ा घाटा है। उन्होंने कहा कि स. पातर को मातृभाषा के प्रति दिए गए कीमती योगदान के लिए हमेशा सम्मान से याद किया जाएगा।
स्पीकर ने याद किया कि स. पातर ने गूगल के जैमिनी आईएैप (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) प्लेटफॉर्म पर पंजाबी भाषा को शामिल न किए जाने के मुद्दे को उठाने में अहम भूमिका निभाई, इस प्लेटफॉर्म में गुजराती समेत कई अन्य क्षेत्रीय भाषाएं शामिल थीं।
उन्होंने कहा कि हाल ही में स. पातर और अन्यों के साथ मिलकर पंजाबी का डेटा तेज़ी से तैयार करके गूगल के जैमिनी आईऐप पर ऑनलाइन अपलोड करने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने कहा कि स. पातर को असली श्रद्धांजलि उस मिशन को पूरा करना ही होगी।
स्पीकर ने दिवंगत आत्मा की आत्मिक शांति और दुखी परिवार को यह दुख सहन करने का बल प्रदान करने की प्रार्थना की।