पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने एक महत्वपूर्ण कार्यवाही के अंतर्गत हरियाणा और पंजाब की सांझी प्री- कनसैप्शन और प्री- नैटल डायगनौस्टिक टैकनीक ( पी.सी.पी.एन.डी.टी.) टीम के चार व्यक्तियों को स्टिंग आपरेशन दौरान 70,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों काबू किया है। इन्होनें अन्य कर्मचारियों और प्राईवेट व्यक्तियों के साथ मिल कर पंजाब और हरियाणा के अलग- अलग क्लीनिकों में चल रहे ग़ैर- कानूनी अल्ट्रासाउंड लिंग निर्धारन टैस्ट के लिए रिश्वत लेने के लिए एक अंर्तराज्यी गठजोड बनाया हुआ था।
इस सम्बन्धित जानकारी देते हुए राज्य विजीलैंस ब्यूरो के वक्ता ने बताया कि पकड़े गए व्यक्तियों की पहचान दीपक सिविल अस्पताल, सिरसा में फार्मासिस्ट के तौर पर तैनात गोयल पुत्र चमन लाल, ज़िला को-आरडीनेटर, पी.एन.डी.टी., सिविल सर्जन, बरनाला में तैनात गुरजीत सिंह पुत्र हमीर सिंह, सिवल सर्जन दफ़्तर बठिंडा में चपड़ासी के तौर पर तैनात राज सिंह पुत्र गुरतेज सिंह और सिविल सर्जन दफ़्तर सिरसा में ड्राईवर सुरिन्दर सिंह पुत्र राम कुमार के तौर पर हुई है।
इस सम्बन्धित जानकारी देते वक्ता ने कहा कि पी.सी.पी.एन.डी.टी. एक्ट, जो आम तौर पर पी.एन.डी.टी. एक्ट के तौर पर जाना जाता है, का मुख्य उद्देश्य जन्म से पहले के लिंग निर्धारन टैस्ट पर पाबंदी लगा कर मादा भ्रूण हत्या को रोकना है। यह दोनों उक्त काम के लिए बराबर मौके यकीनी बनाने के लिए डायगनौस्टिक तकनीक को भी नियमित करता है।
वक्ता ने आगे बताया कि पातड़ां, ज़िला पटियाला में तीन दशकों से महावीर अस्पताल चला रहे डा.अशोक कुमार ने विजीलैंस के पास पहुँच करके बताया कि 2020 में पंजाब के स्थानीय डाक्टरों और हरियाणा के सिरसा में पीएनडीटी इंचार्ज द्वारा सांझा जांच के बाद डा. अशोक को पीएनडीटी एक्ट के अंतर्गत दोषों का सामना करना पड़ा था। इसके बाद मार्च 2024 में उसके क्लीनिक, महावीर अस्पताल पर मारे गए छापे दौरान कोई सबूत नहीं मिला था।
वक्ता ने आगे बताया कि शिकायतकर्ता डाक्टर ने आगे दोष लगाया कि सुरेंद्र बैनीवाल, जो कि पी.एन.डी.टी. सिरसा में तैनात होने का दावा करता है, ने कथित तौर पर वटसऐप के द्वारा डा. अशोक कुमार के साथ संपर्क किया और डा. अशोक से ग़ैर- कानूनी अल्ट्रासाउंड लिंग निरधारन करने की छूट देने बदले 70, 000 रुपए की रिश्वत की माँग की। इस दौरान बैनीवाल की तरफ से रिश्वत मांगने सम्बन्धित स्पष्ट माँग करने की आडियो रिकार्डिग उपलब्ध है, जिसमें डा. भारत भूषण, इंचार्ज पी. एन. डी. टी. सिरसा, लुधियाना से डा. औलख और डा. एस. जे. सिंह भी शामिल हैं।
वक्ता ले आगे खुलासा किया कि ब्यूरो ने तेज़ी के साथ कार्यवाही करते हुए, विजीलैंस के फ्लाई स्कवायड-1 पंजाब ने मोहाली में सुरेंद्र बैनीवाल ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की। इसी दौरान दोषी डाक्टरों को 40, 000 की रकम सहित पकड़ने के लिए पंजाब और हरियाणा के डाक्टरों की सांझी टीम ने लिंग निरधारन करने के लिए एक फ़र्ज़ी महिला मरीज़ की मदद के साथ जाल बिछाया हुआ था। उक्त मुलजिमों की टीम पटियाला ज़िले के पातड़ां कस्बो में एक निजी होटल पर फ़र्ज़ी महिला मरीज़ से रिश्वत की रकम वसूलने के लिए पहुँची थी परन्तु विजीलैंस ब्यूरो की टीम ने उक्त पी.एन.डी.टी. टीम के चार सदस्यों को शिकायतकर्ता डा. अशोक से 70, 000 रुपए की रिश्वत लेते मौके पर ही काबू कर लिया। उक्त संयुक्त टीम के सदस्यों की मौजूदगी में ही वह 40, 000 रुपए भी बरामद किए जो कि स्टिंग ऑपरेशन दौरान औरत द्वारा लिंग निर्धारन करने के डाक्टरों को दिए जाने थे। उन्होंने कहा कि इस मामले की आगे वाली जांच जारी है और इस रैकेट में शामिल अन्य डाक्टरों की भूमिका की भी जांच की जाएगी।
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